
- सवाईमाधोपुर जिले में लगातार भारी बारिश से जड़ावता गांव और आसपास का क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है.
- सुरवाल डैम के ओवरफ्लो से तेज पानी ने दो किलोमीटर लंबी और गहरी खाई बना दी, जिससे मकान और मंदिर नष्ट हुए हैं.
- फसलें बर्बाद हो गई हैं, पशुओं के लिए चारा समाप्त हो गया है और भोजन सामग्री की कमी हो रही है.
राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. सवाईमाधोपुर जिले के जड़ावता गांव और आसपास के क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. सुरवाल डैम के ओवरफ्लो होने से स्थिति और गंभीर हो गई है. डैम से निकलने वाले पानी के तेज बहाव ने गांव के बीचों-बीच लगभग दो किलोमीटर लंबी, 100 फीट चौड़ी और 55 फीट गहरी खाई बना दी. इस खाई ने दो मकान, दो दुकानें और दो मंदिरों को नष्ट कर दिया.
जड़ावता के निवासी किरोड़ी लाल ने एनडीटीवी को बताया कि विदेश में नौकरी कर मैंने यह मकान बनाया था. लेकिन अब चार बीघा जमीन खाई में समा गई. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. तीन दिन से घर में चूल्हा नहीं जला. गांववासियों का कहना है कि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं. पशुओं के लिए चारा खत्म हो गया है और खाने-पीने का सामान भी खत्म होने की कगार पर है.
हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सेना और SDRF की टीमें तैनात की हैं. आसपास के मकानों को खाली कराया गया है. प्रशासन और स्थानीय लोग मिट्टी के कटाव को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन पानी का तेज बहाव इसे लगभग असंभव बना रहा है.

स्थानीय विधायक और मंत्री करोड़ लाल मीणा ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने अधिकारियों को मशीनों के जरिए पानी को डायवर्ट करने के निर्देश दिए. एनडीटीवी के सामने उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि समय पर कदम नहीं उठाए गए, जिससे लोग संकट में हैं.
जड़ावता के अलावा, चौथ का बरवाड़ा तहसील के कई गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं. सूरवाल क्षेत्र में खेत और घर पानी से भर गए हैं. गलवा नदी का पानी कई गांवों में घुस गया, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कुछ गांवों में लोग दो दिनों से अपने घरों की छतों पर फंसे हैं और खाने-पीने के पानी की भारी कमी हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की ओर से अब तक पर्याप्त सहायता नहीं मिली है.
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