मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि हमें लगता है कि चाइल्ड रेप और छेड़छाड़ के मामलों की बढ़ती संख्या का कारण पॉर्न है. हम मध्य प्रदेश में पॉर्न बैन करने पर विचार कर रहे हैं, इस मामले में हम केंद्र का रुख करेंगे. आपको बता दें कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई है. केंद्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने रविवार को हस्ताक्षर किये हैं.
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इससे पहले केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने रेप की घटनाओं पर कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन इनको रोका नहीं जा सकता है. सरकार सक्रिय है सब जगह, कार्रवाइयां हो रही हैं. इतने बड़े देश में एक दो घटनाएं हो जाएं तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए. संतोष गंगवार का बयान ऐसे समय आया है जब उन्नाव और कठुआ कांड सहित पूरे देश से रेप की लगातार खबरें आ रही हैं और इतना ही नहीं इसी बीच देश-विदेश के 600 शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी में पीएम मोदी के चुप रहने पर नाराजगी जताई है.
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गौरतलब है कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश पर रविवार राष्ट्रपति की मुहर लग गई है. केंद्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने रविवार को हस्ताक्षर किये हैं.
बता दें कि शनिवार को मोदी सरकार ने इस अध्यादेश को पारित किया था. आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य कानून, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोक्सो) में संशोधन का प्रावधान है. इसमें ऐसे अपराधों के दोषियों के लिए मौत की सजा का नया प्रावधान लाने की बात कही गई है. जम्मू कश्मीर के कठुआ और गुजरात के सूरत जिले में हाल ही में लड़कियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है.
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We think the reason for rising number of child rape and molestation cases is porn. We are contemplating banning porn in Madhya Pradesh, will approach Centre in the matter: Bhupendra Singh, Madhya Pradesh Home Minister pic.twitter.com/sTpHIkGq5I
— ANI (@ANI) April 24, 2018
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इससे पहले केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने रेप की घटनाओं पर कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन इनको रोका नहीं जा सकता है. सरकार सक्रिय है सब जगह, कार्रवाइयां हो रही हैं. इतने बड़े देश में एक दो घटनाएं हो जाएं तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए. संतोष गंगवार का बयान ऐसे समय आया है जब उन्नाव और कठुआ कांड सहित पूरे देश से रेप की लगातार खबरें आ रही हैं और इतना ही नहीं इसी बीच देश-विदेश के 600 शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी में पीएम मोदी के चुप रहने पर नाराजगी जताई है.
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गौरतलब है कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश पर रविवार राष्ट्रपति की मुहर लग गई है. केंद्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने रविवार को हस्ताक्षर किये हैं.
बता दें कि शनिवार को मोदी सरकार ने इस अध्यादेश को पारित किया था. आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य कानून, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोक्सो) में संशोधन का प्रावधान है. इसमें ऐसे अपराधों के दोषियों के लिए मौत की सजा का नया प्रावधान लाने की बात कही गई है. जम्मू कश्मीर के कठुआ और गुजरात के सूरत जिले में हाल ही में लड़कियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है.
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