मुंबई:
नवी मुंबई के वाशी इलाके में सुनील कुमार नाम के बिल्डर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर सैमुयल अमोलिक को 22 फरवरी तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। अमोलिक वाशी पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच में काम कर चुका है।
पुलिस का दावा है कि इस रिटायर्ड इंस्पेक्टर से सुपारी किलर की बातचीत हुई, जिसकी रिकॉर्डिंग पुलिस के पास है। वह मुंबई पुलिस में मुठभेड़ विशेषज्ञ था और तीन साल पहले सेवानिवृत्त हुआ था। सूत्रों ने कहा कि पूर्व में उसे अंडरवर्ल्ड से संबंधों के आरोप में निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में वह बहाल हो गया था।
उल्लेखनीय है कि वाशी इलाके में शनिवार सुबह बिल्डर की उनके ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपी सिक्योरिटी गार्ड की वेशभूषा में आए थे। हमलावरों में से एक को लोगों ने पकड़ लिया। हत्या की पूरी वारदात दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
मारे गए बिल्डर सुनील कुमार लोहारिया ने राइट टू इंफॉर्मेशन के तहत जो जानकारी जुटाई थी, उसी से नवी मुंबई में करोड़ों के एफएसआई घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। उन्होंने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि नवी मुंबई के पामबीच रोड पर नवी मुंबई महानगरपालिका ने जो एफएसआई मंजूर की थी, क्या उसके मुताबिक काम हुआ है।
इसके बाद एफएसआई घोटाले की जांच में पता चला कि इलाके की लगभग 650 बिल्डिगों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का एफएसआई घोटाला हुआ है। जांच के बाद नवी मुंबई के एक डीसीपी, नवी मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के कुछ अधिकारियों और कुछ बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
(इनपुट भाषा से भी)
पुलिस का दावा है कि इस रिटायर्ड इंस्पेक्टर से सुपारी किलर की बातचीत हुई, जिसकी रिकॉर्डिंग पुलिस के पास है। वह मुंबई पुलिस में मुठभेड़ विशेषज्ञ था और तीन साल पहले सेवानिवृत्त हुआ था। सूत्रों ने कहा कि पूर्व में उसे अंडरवर्ल्ड से संबंधों के आरोप में निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में वह बहाल हो गया था।
उल्लेखनीय है कि वाशी इलाके में शनिवार सुबह बिल्डर की उनके ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपी सिक्योरिटी गार्ड की वेशभूषा में आए थे। हमलावरों में से एक को लोगों ने पकड़ लिया। हत्या की पूरी वारदात दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
मारे गए बिल्डर सुनील कुमार लोहारिया ने राइट टू इंफॉर्मेशन के तहत जो जानकारी जुटाई थी, उसी से नवी मुंबई में करोड़ों के एफएसआई घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। उन्होंने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि नवी मुंबई के पामबीच रोड पर नवी मुंबई महानगरपालिका ने जो एफएसआई मंजूर की थी, क्या उसके मुताबिक काम हुआ है।
इसके बाद एफएसआई घोटाले की जांच में पता चला कि इलाके की लगभग 650 बिल्डिगों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का एफएसआई घोटाला हुआ है। जांच के बाद नवी मुंबई के एक डीसीपी, नवी मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के कुछ अधिकारियों और कुछ बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
(इनपुट भाषा से भी)
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