सरकार ने कहा है कि मीडिया में एक्सपायर हो चुकी वैक्सीन लगाए जाने की ख़बरें झूठी और गुमराह करने वाली हैं. CDSCO ने पहले ही कोवैक्सीन और कोविशील्ड की शेल्फ लाइफ को बढ़ाकर क्रमश: 12 महीने और 9 महीने कर दिया था. बता दें कि पिछले दिनों मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि टीकाकरण में एक्सपायर हो चुकी वैक्सीन का भी इस्तेमाल हो रहा है.
सरकार ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि भारत में राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत एक्सपायर हो चुकी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह गलत और भ्रामक है तथा अधूरी जानकारी पर आधरित है.
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द सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 25 अक्टूबर 2021 को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के पत्र के बाद कोवैक्सीन की शेल्फ लाइफ को 9 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया था. इसी तरह राष्ट्रीय नियामक द्वारा 22 फरवरी 2021 को कोविशील्ड की शेल्फ लाइफ को भी 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दिया गया था.
वैक्सीन निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत डेटा के व्यापक विश्लेषण और परीक्षण के आधार पर राष्ट्रीय नियामक द्वारा टीकों के शेल्फ जीवन को बढ़ाया जाता है.
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