
Left Handed Brain Facts: इंसान का दिमाग इतना कॉम्प्लेक्स स्ट्रक्चर है कि अभी तक इसे पूरी तरह समझा नहीं जा सका है. हालांकि इसकी कई गुत्थियां सुलझाने में हम कामयाब हो चुके हैं. आमतौर पर देखा गया है कि किसी व्यक्ति के दिमाग का एक हिस्सा दूसरे हिस्से से ज्यादा एक्टिव होता है. ऐसा माना जाता है कि जिसका लेफ्ट ब्रेन ज्यादा एक्टिव होता है वे एनालिटिकल, लॉजिकल और फैक्ट ओरिएंटेड होते हैं और जिनका राइट ब्रेन ज्यादा एक्टिव होता है, वो लोग काफी क्रिएटिव और आर्टिस्टिक होते हैं. क्या हम अपनी विशेषताओं के आधार पर पता कर सकते हैं कि हमारा लेफ्ट ब्रेन ज्यादा एक्टिव है या राइट ब्रेन, इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात कि डॉ अजय चौधरी (Ajay Chaudhary) से, चलिए जानते हैं.
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लेफ्ट या राइट कौन सा ब्रेन डोमिनेटिंग होता है?
डॉ अजय ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिल्कुल जो लोग लेफ्ट हैंडेड होते हैं उनका राइट ब्रेन डोमिनेंट होता है, लेकिन आमतौर देखा गया है कि 75 प्रतिशत ऑफ द पॉपुलेशन का लेफ्ट ब्रेन डोमिनेंट होता है. क्योंकि ज्यादातर लोग राइट हैंडेड होते हैं, तो उनका लेफ्ट ब्रेन ज्यादा एक्टिव होता है.
लेफ्ट या राइट कौन सा ब्रेन ज्यादा क्रिएटिव?
डॉक्टर ने कहा कि ज्यादातर लोगों में लेफ्ट ब्रेन का डोमिनेंट होना कॉमन बात है. लेफ्ट ब्रेन एनालिटिकल फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है. जैसे लिखना, पढ़ना, समझना, बोलना, वर्ड को सेलेक्ट करना अच्छी लैंग्वेज बोलना. ये सारे लेफ्ट ब्रेन के फंक्शन होते हैं लेकिन राइट ब्रेन भी कम नहीं होता है, यह क्रिएटिविटी और इमोशन से जुड़े फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है. दोनों ब्रेन की अपनी विशेषताएं होती है. जैसे कि ड्रेसिंग सेंस, राइट ब्रेन का काम है.
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ब्रेन का राइट साइड काम न करने से क्या होता है?
अगर किसी व्यक्ति के दिमाग के राइट साइड में कोई ट्यूमर हो गया या बीमारी हो गई तो उसका ड्रेसिंग सेंस ही खत्म हो जाता है. वो अपनी शर्ट भी ठीक तरह नहीं पहन पाता है. ऐसे लोगों का ज्योग्राफिकल सेंस चला जाता है. जैसे कि मान लीजिए घर में कई कमरे हैं, रात में उस व्यक्ति को बाथरूम जाना है, तो वो बाथरूम ना जाके दूसरे जगह चला जाएगा क्योंकि उसमें ज्योग्राफिकल सेंस नहीं है.
डॉक्टर अजय ने कहा कि हमारे पास कई इस तरह के मरीज आते हैं जो कहते हैं कि वो घर से बाहर निकलते हैं और फिर वापस घर नहीं आ पाते हैं. ऐसे में उनकी मदद के लिए हम उन्हें हमेशा अपने साथ आईडी कार्ड रखने के लिए बोलते हैं, जिसमें उनका घर का पता लिखा हो. ये समस्या डिमेंशिया में या फिर राइट में कोई ट्यूमर या दूसरी बीमारी होने की वजह से होती है. क्योंकि राइट में ज्योग्राफिकल एग्नोसिया (Geographical Agnosia) होता है. ज्योग्राफिकल एग्नोसिया वाले व्यक्ति जानी पहचानी जगहों को भी आइडेंटिफाई नहीं कर पाते हैं, जैसे कि उनका घर, शहर या कोई दूसरी जगह.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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