
- पीएम मोदी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को देश में सद्भाव के बंधन को मजबूत करने का अवसर बताया
- पीएम ने विभाजन के दौरान लाखों लोगों द्वारा सहनी गई अकथनीय पीड़ा और इतिहास के दुखद अध्याय को याद किया
- पीएम इस दिन को प्रभावित लोगों के साहस और नई शुरुआत करने की उनकी क्षमता का सम्मान करने वाला बताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हर साल 14 अगस्त को मनाए जाने वाले ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' देश को एक सूत्र में पिरोने वाले सद्भाव के बंधन को मजबूत करने की लोगों की जिम्मेदारी की याद दिलाता है. पीएम मोदी ने लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर करने वाली अकथनीय पीड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि यह दिन भारत को उस उथल-पुथल एवं दर्द की याद दिलाता है जो देश के इतिहास के उस दुखद अध्याय के दौरान अनगिनत लोगों ने झेला था.
साहस का सम्मान करने का भी दिन
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘यह उनके साहस का सम्मान करने का भी दिन है... (यह) अकल्पनीय क्षति झेलने और फिर भी नए सिरे से शुरुआत करने की ताकत हासिल करने की उनकी क्षमता का (सम्मान है)। प्रभावित हुए कई लोगों ने अपनी जिंदगी की नए सिरे से शुरुआत की और उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं.'' देश में 14 अगस्त ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
गृह मंत्री शाह ने भी किया पोस्ट
गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि देश के विभाजन और उसकी त्रासदी के शिकार लोगों के दर्द को याद कर संवेदना व्यक्त करने का दिन है. इस दिन कांग्रेस ने देश को टुकड़ों में बांटकर मां भारती के स्वाभिमान को चोट पहुंचाई. विभाजन के कारण हिंसा, शोषण और अत्याचार हुए, और करोड़ों लोगों ने विस्थापन झेला. मैं उन सभी लोगों के प्रति मन की गहराई से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. देश विभाजन के इस इतिहास और दर्द को कभी भुला नहीं सकेगा. विभाजन की इस विभीषिका में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
वर्ष 1947 में 14 अगस्त के दिन पाकिस्तान तथा 15 अगस्त को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया. अनुमान है कि विभाजन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा में लाखों लोग मारे गए थे.
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