फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
भारत और रूस की ओर से बनाई गई ब्रह्मोस मिसाइल से चीन और पाकिस्तान के कान खड़े हो गए. ब्रह्मोस का जवाब देने के लिए पड़ोसी चीन ने सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है. कहा जा रहा है कि इस मिसाइल को पाकिस्तान खरीदकर अपनी ताकत बढ़ा सकता है. चीन के सैन्य विश्लेषक का दावा है कि सुपरसोनिक मिसाइल न केवल ब्रह्मोस से सस्ती है बल्कि उससे ज्यादा उपयोगी है.
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दरअसल, चीन की एक खनन कंपनी ने सुपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण का दावा किया है.इसे भारत-रूस के संयुक्त मिसाइल ब्रह्मोस के संभावित प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखा जा रहा है.चीन के सरकारी समाचार पत्र में प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि ग्वांगडांग होंग्दा ब्लास्टिंग कंपनी ने उत्तर चीन के एक स्थान पर इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया. कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एचडी-1 मिसाइल का परीक्षण अनुमान के मुताबिक रहा. इस बयान में कहा गया है कि होंग्दा ने स्वतंत्र रूप से इस परियोजना में निवेश किया है और एचडी-1 मिसाइल का विकास किया है.बीजिंग के सैन्य विश्लेषक वेई डांग्सु ने कंपनी द्वारा सुपरसोनिक मिसाइल के विकास और परीक्षण को सैनिक-असैनिक प्रतिष्ठानों के बीच समन्वय का एक उदाहरण बताया है. उनकी राय में पाकिस्तान और पश्चिम एशिया के देश इस टैंकरोधी हथियार में रुचि ले सकते हैं. वेई का दावा है कि भारत और रुस द्वारा विकसित ब्रह्मोस मिसाइल ज्यादा महंगा और कम उपयोगी हथियार है.( इनपुट-भाषा)
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