भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पूर्व अध्यक्ष बिमल जालान की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मानते हुए सोमवार को अपने सरप्लस तथा रिज़र्व भंडार में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को दिए जाने को मंज़ूरी दे दी. इस रिकॉर्ड ट्रांसफर, जिसमें वर्ष 2018-19 के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस शामिल है, से सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसे समय में मज़बूत हो पाएगी, जब वह लगभग पांच साल में सबसे कम आर्थिक वृद्धि का सामना कर रही है और लगभग हर क्षेत्र में लाखों नौकरियां खत्म हो जाने की आशंका सिर पर झूल रही है. इसके अलावा, इस भुगतान की मदद से सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस भुगतान से सरकार को कर राजस्व में कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी, और वह अपने बढ़े खर्चों के लिए भी राशि जुटा पाएगी.
यह भुगतान बिमल जालान समिति की सिफारिशों के मुताबिक है
- इस भुगतान में सरप्लस कैपिटल से दिए जाने वाले 52,640 करोड़ रुपये शामिल होंगे, जबकि डिविडेंड में वे 28,000 करोड़ भी शामिल हैं, जो फरवरी में ही सरकार को स्थानांतरित किए जा चुके हैं.
- सरप्लस और अतिरिक्त डिविडेंड का यह भुगतान बिमल जालान समिति की सिफारिशों के मुताबिक है, जिसे RBI के इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा का काम सौंपा गया था.
- RBI द्वारा किया जाने वाला यह भुगतान सरकार के अनुमान से कहीं ज़्यादा है. वर्ष 2019-20 के लिए पेश किए अपने बजट में सरकार ने RBI से 90,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड भुगतान का अनुमान लगाया था.
- RBI का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब कुछ ही दिन पहले सरकार ने बैंकिंग सेक्टर में वृद्धि को गति प्रदान करने के लिए कई कदमों की घोषणा की थी, जिनमें सरकारी बैंकों में तुरंत 70,000 करोड़ रुपये लगाना भी शामिल था, जबकि बजट में इस रकम को मार्च, 2020 तक चरणबद्ध तरीके से बैंकों को दिया जाना था.
- RBI हर साल सरकार को डिविडेंड का भुगतान किया करती है, जो निवेश और नोट छापने और सिक्के ढालने से होने वाले उसके मुनाफे पर आधारित होता है. RBI अपनी वार्षिक रिपोर्ट के हिस्से के तौर पर इसी सप्ताह अपनी बैलेंस शीट जारी करेगा.
- पिछले दो साल से वित्त मंत्रालय ज़्यादा भुगतान किए जाने की मांग करता रहा है, और तर्क देता रहा है कि केंद्रीय बैंक ज़रूरत से ज़्यादा पूंजी जमा किए हुए है.
- गवर्नर शक्तिकांत दास, जिन्होंने सोमवार को RBI के बोर्ड की 578वीं बैठक की अध्यक्षता की थी, पहले भी कह चुके हैं कि सरकार को यह विशेषाधिकार हासिल है कि वह तय कर सके कि सरप्लस और डिविडेंड के भुगतान का इस्तेमाल किस तरह किया जाए.
- निवेशकों का उत्साह बढ़ाने तथा वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को छह सेक्शनों तथा 32 स्लाइडों में बंटे प्रेज़ेंटेशन में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) पर अधिक कर तथा दीर्घ व लघु अवधि के कैपिटल गेन पर लगने वाले सरचार्ज को वापस लेने की घोषणा की थी.
- सरकार को शुक्रवार को 30 जून को खत्म हुई तिमाही के GDP आंकड़े जारी करने हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर द्वारा करवाए गए एक पोल के मुताबिक, जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि के पिछले पांच साल में सबसे कम हो जाने का अनुमान है.
- RBI ने इसी माह GDP में वृद्धि के अनुमान को भी संशोधित कर घटाया था, और उसे जून के लिए सात फीसदी के स्थान पर 6.9 फीसदी कर दिया था. इसके अलावा कई अर्थशास्त्रियों ने भी वृद्धि के अनुमानों को घटाया है.