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RBI के बंपर डिविडेंड से सरकार को बड़ा फायदा, इकोनॉमी को मिलेगा एक्स्ट्रा बूस्ट: रिपोर्ट
- Monday May 26, 2025
- Reported by: IANS, Edited by: अनिशा कुमारी
RBI Dividend 2025: वित्त वर्ष 2025 के लिए RBI ने सरकार को 2.68 ट्रिलियन रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. यह वित्त वर्ष 2026 के बजट में अनुमानित 2.1 ट्रिलियन रुपये से करीब 28% ज्यादा है.
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ndtv.in
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नरेंद्र मोदी सरकार को RBI से मिलेगा 1.76 लाख करोड़ रुपये का पेआउट : 10 खास बातें
- Tuesday August 27, 2019
- Reported by: NDTVProfit.com, Translated by: विवेक रस्तोगी
भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पूर्व अध्यक्ष बिमल जालान की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मानते हुए सोमवार को अपने सरप्लस तथा रिज़र्व भंडार में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को दिए जाने को मंज़ूरी दे दी. इस रिकॉर्ड ट्रांसफर, जिसमें वर्ष 2018-19 के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस शामिल है, से सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसे समय में मज़बूत हो पाएगी, जब वह लगभग पांच साल में सबसे कम आर्थिक वृद्धि का सामना कर रही है और लगभग हर क्षेत्र में लाखों नौकरियां खत्म हो जाने की आशंका सिर पर झूल रही है. इसके अलावा, इस भुगतान की मदद से सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस भुगतान से सरकार को कर राजस्व में कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी, और वह अपने बढ़े खर्चों के लिए भी राशि जुटा पाएगी.
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भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पूर्व अध्यक्ष बिमल जालान की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मानते हुए सोमवार को अपने सरप्लस तथा रिज़र्व भंडार में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को दिए जाने को मंज़ूरी दे दी. इस रिकॉर्ड ट्रांसफर, जिसमें वर्ष 2018-19 के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस शामिल है, से सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसे समय में मज़बूत हो पाएगी, जब वह लगभग पांच साल में सबसे कम आर्थिक वृद्धि का सामना कर रही है और लगभग हर क्षेत्र में लाखों नौकरियां खत्म हो जाने की आशंका सिर पर झूल रही है. इसके अलावा, इस भुगतान की मदद से सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस भुगतान से सरकार को कर राजस्व में कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी, और वह अपने बढ़े खर्चों के लिए भी राशि जुटा पाएगी.
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