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RBI के बंपर डिविडेंड से सरकार को बड़ा फायदा, इकोनॉमी को मिलेगा एक्स्ट्रा बूस्ट: रिपोर्ट

RBI Dividend 2025: वित्त वर्ष 2025 के लिए RBI ने सरकार को 2.68 ट्रिलियन रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. यह वित्त वर्ष 2026 के बजट में अनुमानित 2.1 ट्रिलियन रुपये से करीब 28% ज्यादा है.

RBI के बंपर डिविडेंड से सरकार को बड़ा फायदा, इकोनॉमी को मिलेगा एक्स्ट्रा बूस्ट: रिपोर्ट
Indian Economy: एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, RBI के डिविडेंड से सिस्टम में लिक्विडिटी बेहतर होगी.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से इस साल केंद्र सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड देने की घोषणा की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे सरकार को GDP के 0.15% के बराबर अतिरिक्त फिस्कल सपोर्ट मिलने की उम्मीद है. यह लगातार तीसरा साल है जब RBI का असली डिविडेंड, बजट में अनुमानित रकम से ज्यादा रहा है.

RBI देगा 2.68 ट्रिलियन रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड

वित्त वर्ष 2025 के लिए RBI ने सरकार को 2.68 ट्रिलियन रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. यह वित्त वर्ष 2026 के बजट में अनुमानित 2.1 ट्रिलियन रुपये से करीब 28% ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार, इस अतिरिक्त रकम से टैक्स कलेक्शन और नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में संभावित गिरावट की भरपाई हो सकती है.

सिस्टम में लिक्विडिटी सुधरेगी

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, इस बंपर डिविडेंड से सिस्टम में लिक्विडिटी बेहतर होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जून तक 4 से 4.5 ट्रिलियन रुपये तक की सुपर सरप्लस लिक्विडिटी देखी जा सकती है. इसमें सर्कुलेशन में चल रही करेंसी में मौसमी गिरावट और RBI के ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) का अहम रोल रहेगा.

बढ़ी विदेशी करेंसी इनकम और ब्याज आय का असर

रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछली बार की तुलना में इस बार 398 बिलियन डॉलर की ज्यादा ग्रॉस फॉरेन एक्सचेंज (FX) सेल हुई, जिससे विदेशी करेंसी से होने वाली कमाई में बड़ा इजाफा हुआ. इसके साथ ही गवर्नमेंट सिक्योरिटी (G-Sec) से ब्याज इनकम भी बढ़ी है. यही वजह है कि RBI इस बार इतना बड़ा डिविडेंड दे पा रहा है

रिपोर्ट में कहा गया है कि हम 2025-26 के लिए ग्रॉस फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 4.4% बनाए रखेंगे, जैसा कि बजट में तय किया गया था.

10 ईयर बॉन्ड यील्ड में गिरावट का अनुमान

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के आखिर तक 10 ईयर गवर्नमेंट बॉन्ड यील्ड 6.0% तक गिर सकती है. ट्रांसमिशन टूल्स के बेहतर होने से रियल सेक्टर में सुधार आने की संभावना है. साथ ही, सिस्टम में लिक्विडिटी भी 2026 के आखिर तक नेट डिमांड एंड टाइम लाइबिलिटीज (NDTL) के 0.9% से 1.1% के बीच सरप्लस बनी रह सकती है.

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