RBI Monetary Policy : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2022 के लिए पहली मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को घोषणा की कि कोरोनावायरस मामलों में बढ़ोतरी की वजह से पैदा हुई अनिश्चित्ता के बीच मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति रखा जा रहा है. इसका मतलब है कि रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बना रहेगा.
इस बार जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 10.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैक्सीनेशन की बढ़ती गति को लेकर सेंटीमेंट में सुधार तो आया है लेकिन हाल में तेजी से बढ़े कोविड-19 मामलों से आर्थिक परिदृश्य पर अनिश्चितता पैदा हुई है. केंद्रीय बैंक ने वायरस के प्रकोप को रोकने और आर्थिक सुधारों पर घ्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया.
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शक्तिकांत दास ने कहा कि '2021 को भारत के लिए नया आर्थिक युग शुरू करने वाला बनना है. दुनिया भर में वैक्सीनेशन ड्राइव के चलते आशा पैदा हुई है, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते केसों ने इसे थोड़ा धूमिल किया है. हमें उम्मीद है कि हम कोविड-19 के दूसरी या तीसरी लहर से पार पा लेंगे.'
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वृद्धि को समर्थन देने, मुद्रास्फीति को लक्षित स्पर पर बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक उदार मौद्रिक नीति के रुख को बनाए रखेगा.
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