नैनीताल:
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने योग गुरु बाबा रामदेव के निकटतम सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में जमानत दे दी। बालकृष्ण के अधिवक्ता राजेंद्र डोभाल ने को यह जानकारी दी।
डोभाल ने बताया कि उच्च न्यायालय ने बालकृष्ण की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें एक बड़ी राहत प्रदान कर दी। बालकृष्ण को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के आरोप में 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तरुण अग्रवाल ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए बालकृष्ण को 10-10 लाख रुपये की दो गारंटी पेश करने का आदेश दिया। बालकृष्ण ने 21 जुलाई को ब्यूरो की विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उसे ठुकरा दिया और उन्हें नौ दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था। उन्होंने 10 दिन बाद फिर देहरादून के जिला न्यायालय में जमानत अर्जी पेश की थी, लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा हाथ लगी थी।
डोभाल ने बताया कि उच्च न्यायालय ने बालकृष्ण की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें एक बड़ी राहत प्रदान कर दी। बालकृष्ण को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के आरोप में 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तरुण अग्रवाल ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए बालकृष्ण को 10-10 लाख रुपये की दो गारंटी पेश करने का आदेश दिया। बालकृष्ण ने 21 जुलाई को ब्यूरो की विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उसे ठुकरा दिया और उन्हें नौ दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था। उन्होंने 10 दिन बाद फिर देहरादून के जिला न्यायालय में जमानत अर्जी पेश की थी, लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा हाथ लगी थी।
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