फाइल फोटो
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर में रकबर मॉब लिंचिंग मामले में पीड़ित के पिता सुलेमान और गवाह असलम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में मांग की गई है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT से कराई जाए. याचिका में मामले का ट्रायल और जांच दोनों ही राजस्थान से बाहर की जाए. याचिका में अलवर के बीजेपी विधायक ज्ञान देव आहूजा को भी पक्षकार बनाया गया है. आरोप लगाया गया है कि विधायक के इशारे पर हत्या के आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है. इस मामले की सुनवाई अगले हफ़्ते सुनवाई करेगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया जा चुका है. अलवर में रकबर की हत्या के मामले में जवाब-तलब करने पर राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन पुलिस वालों का ट्रांसफर करने के साथ एक को निलंबित किया गया है. दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई हुई है. सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा कि आरोपियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.
वहीं मॉब लिंचिंग मामले में उत्तर सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उन्होंने 17 जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया है.
परसाई होते तो क्या मॉब लिंचिंग से, आवारा भीड़ के खतरों से बच पाते?
मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए सभी जिलों के SP को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. नोडल ऑफिसर टॉस्क फोर्स का गठन किया है जो उन लोगों पर नजर रखेगी जो हिंसा को भड़काते है या अफ़वाह के जरिये माहौल बनाने की कोशिश करते है.नोडल ऑफिसर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ हर महीने में कम से एक बार मीटिंग करेगा.नेशनल हाई वे पर पुलिस की पेट्रोलिंग शुरू की जा जा चुकी है. उन इलाकों में भी पेट्रोलिंग की जा रही है जहाँ लिंचिंग की घटनाएं हुई है.अगर कोई लिंचिंग की घटना में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और कानून के मुताबिक आगे की करवाई की जाएगी.इतना ही नही पीड़ित के परिवार को पुलिस पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी.दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से हलफनामा दाखिल करने को कहा था कि मॉब लिंचिंग को लेकर जारी गाइडलाइंस पर उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिचिंग मामले में अवमानना याचिका पर राजस्थान सरकार से जवाब मांगा
आपको बता दें कि 20 जुलाई को अलवर के ललावंडी गांव में जंगलों से गोवंश लेकर हरियाणा जा रहे रकबर उर्फ अकबर और उसके साथी असलम की गांववालों ने लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई की थी. इसमें अकबर ने दम तोड़ दिया, जबकि असलम जान बचाकर भाग गया. इस मामले में तीन पहले ही पुलिस ने निचली अदालत में चार्जशीट दाख़िल की है.
वीडियो-अब बरेली में भैंस चोरी पर मॉब लिंचिंग
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सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया जा चुका है. अलवर में रकबर की हत्या के मामले में जवाब-तलब करने पर राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन पुलिस वालों का ट्रांसफर करने के साथ एक को निलंबित किया गया है. दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई हुई है. सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा कि आरोपियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.
वहीं मॉब लिंचिंग मामले में उत्तर सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उन्होंने 17 जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया है.
परसाई होते तो क्या मॉब लिंचिंग से, आवारा भीड़ के खतरों से बच पाते?
मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए सभी जिलों के SP को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. नोडल ऑफिसर टॉस्क फोर्स का गठन किया है जो उन लोगों पर नजर रखेगी जो हिंसा को भड़काते है या अफ़वाह के जरिये माहौल बनाने की कोशिश करते है.नोडल ऑफिसर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ हर महीने में कम से एक बार मीटिंग करेगा.नेशनल हाई वे पर पुलिस की पेट्रोलिंग शुरू की जा जा चुकी है. उन इलाकों में भी पेट्रोलिंग की जा रही है जहाँ लिंचिंग की घटनाएं हुई है.अगर कोई लिंचिंग की घटना में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और कानून के मुताबिक आगे की करवाई की जाएगी.इतना ही नही पीड़ित के परिवार को पुलिस पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी.दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से हलफनामा दाखिल करने को कहा था कि मॉब लिंचिंग को लेकर जारी गाइडलाइंस पर उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
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आपको बता दें कि 20 जुलाई को अलवर के ललावंडी गांव में जंगलों से गोवंश लेकर हरियाणा जा रहे रकबर उर्फ अकबर और उसके साथी असलम की गांववालों ने लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई की थी. इसमें अकबर ने दम तोड़ दिया, जबकि असलम जान बचाकर भाग गया. इस मामले में तीन पहले ही पुलिस ने निचली अदालत में चार्जशीट दाख़िल की है.
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