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This Article is From Jul 12, 2021

रजनीकांत ने सियासी पारी खेलने की अटकलों पर लगाया विराम, अपने संगठन को भी किया भंग

Rajinikanth Politics Rumors Ends : दक्षिण भारतीय फिल्‍मों के सुपरस्‍टार रजनीकांत ने सोमवार को अपने संगठन रजनी मक्‍कल मंदरम के पदाधिकारियों से मुलाकात की और यह फैसला किया.

रजनीकांत ने सियासी पारी खेलने की अटकलों पर लगाया विराम, अपने संगठन को भी किया भंग
TamilNadu में रजनीकांत (Rajinikanth) की जबर्दस्‍त 'फैन फॉलोइंग' है
चेन्नई:

फिल्म जगत के बड़े अभिनेता रजनीकांत (Rajinikanth) ने सियासत में नई पारी खेलने की लंबे समय से चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लगा दिया है. रजनीकांत ने अपने संगठन रजनी मक्कल मंदरम (Rajini Makkal Mandram) को भी भंग कर दिया है. माना जा रहा था कि उनके प्रशंसकों का यही संगठन राजनीतिक दल की शक्ल ले सकता है. 70 साल के रजनीकांत ने सोमवार को अपने इस संगठन की आखिरी बैठक करते हुए कहा, मेरा निकट भविष्य में राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है. रजनीकांत पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं. तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के पहले भी उनके राजनीति में उतरने की चर्चा ने जोर पकड़ा था, लेकिन उन्होंने डॉक्टरी सलाह का हवाला देते हुए चुनाव में उतरने की संभावनाओं को खारिज कर दिया है.

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रजनीकांत ने सोमवार को अपने संगठन रजनी मक्‍कल मंदरम के पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद यह निर्णय सुनाया. जानकारी के अनुसार रजनीकांत ने कहा, ' मैं चर्चा करूंगा कि मुझे राजनीति में आना चाहिए या नहीं.' अपनी राजनीतिक पार्टी गठित करने के एकदम पहले 70 साल के इस सुपर स्‍टार ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि वे राजनीति से नहीं जुड़ेंगे. इससे तमिलनाडु चुनाव में तमाम राजनीतिक दलों ने राहत की सांस ली थी.

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खबरों के मुताबिक, रजनी मक्कल मंदरम या पीपुल्स फोरम को भंग करने के बाद रजनीकांत रसईगर नरपानी मंदरम (Rajinikanth Rasigar Narpani Mandram) यानी रजनीकांत फैंस वेलफेयर फोरम में तब्दील किया जाएगा. रजनीकांत अपने प्रशंसकों के बीच थलैवर के नाम से मशहूर हैं. 2018 में बने रजनी मक्कल मंदरम को अभिनेता के 30 साल के फिल्मी करियर के बाद राजनीतिक पारी की पहली सीढ़ी माना जा रहा था.

ऐसे कयास भी थे कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के दौरान रजनीकांत और कमल हासन की पार्टी एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन बाद में ऐसी सभी  अटकलों और संभावनाओं पर विराम लग गया था. रजनीकांत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं. एक समय और उनकी बीजेपी से नजदीकी की खबरों ने भी जोर पकड़ा था.

विधानसभा चुनाव के कुछ समय पहले ब्‍लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के चलते अस्‍पताल में भर्ती होने के बाद उनका राजनीति से दूर रहने का बयान आया था. उन्‍होंने एक बयान में कहा था, 'मैं दुखी मन से कह रहा हूं कि मैं राजनीति में नहीं आ सकता. इस फैसले की घोषणा करते हुए मैं उस दर्द को समझता हूं जिससे मैं गुजरा हूं. मैं राजनीति में प्रवेश किए बिना ही लोगों की सेवा जारी रखूंगा, मेरा यह फैसला प्रशंसकों को दुखी कर सकता है लेकिन कृपया मुझे क्षमा कर दीजिए.'ब्‍लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के कारण हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती होने के बाद अभिनेता ने 29 दिसंबर को कहा था कि वह कोरोना वायरस महामारी और अपनी स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे. 

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