सचिन पायलट (Sachin Pilot) के अपने समर्थकों संग दिल्ली पहुंचने के बाद राजस्थान में सियासी चहलकदमी का दौर तेज हो गया है. अशोक गहलोत सरकार द्वारा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को ही एटीएस और एसओजी की ओर से पूछताछ का नोटिस भेज दिया गया था. सूत्रों के अनुसार इस बात से नाराज सचिन पायलट दिल्ली की चौखट पर पहुंच चुके हैं. सूत्रों के अनुसार सचिन बीजेपी के भी संपर्क में भी हैं और बातचीत का सिलसिला तेज हो रहा है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि सचिन पायलट और बीजेपी के कब से बात हो रही है और कहां आकर मामला अटक गया है.
1. सचिन पायलट और बीजेपी के बीच कथित तौर पर बातचीत का दौर मार्च महीने से ही चल रही है. उस वक्त कोनावायरस संकट ने देश में अपने पैर नहीं पसारे थे.
2. सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद चाहते हैं. जोकि उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नहीं मिला था और अशोक गहलोत के सिर पर सीएम का ताज सजा दिया गया था.
3. वहीं जानकारी मिल रही है कि बीजेपी ने सचिन पायलट के सामने शर्त रखी है कि यदि वह गहलोत सरकार को गिराने में कामयाब होते हैं तो उन्हें सत्ता का शीर्ष पद दिया जा सकता है.
4. बीजेपी के पास अपना खुद का मुख्यमंत्री पद का दावेदार है. पूर्व मुख्यमंत्री के पास 45 विधायकों का समर्थन है.
5. सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से क्षेत्रिय दल बनाने के विकल्प पर चर्चा की है और बीजेपी में शामिल नहीं होने की बात कही है.
Video: SOG ने सचिन पायलट को भेजा नोटिस, जिसके बाद बड़ा विवाद
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