
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा की वैचारिक मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख की एक टिप्पणी के जवाब में अपनी 'हिंदू बनाम हिंदुत्ववादी' पिच का विस्तार किया. संघ प्रमुख ने कहा था कि "भारतीयों का डीएनए" पिछले 40,000 वर्षों से समान था. मोहन भागवत की टिप्पणी को आलोचकों द्वारा संगठन के नए प्रयास के रूप में देखा गया. राहुल गांधी ने इसकी आलोचना की और लिखा "हिंदुओं का मानना है कि हर व्यक्ति का डीएनए अद्वितीय है. हिंदुत्ववादियों का मानना है कि सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा है."
इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी ने जिस अभियान की शुरुआत की उसमें उन्होंने भाजपा और आरएसएस के भाषणों को 'हिंदुत्ववादी' के रूप में ब्रांड किया, जो कि सहिष्णु और बहुलवादी हिंदुओं के समुदायों को अलग-अलग करता है. कांग्रेस नेता ने एक दिन पहले उत्तर प्रदेश में चुनावी रैली में एक ही संदर्भ दिया और इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू नहीं बल्कि 'हिंदुत्ववादी' बताने का प्रयास किया.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी के गंगा में अकेले डुबकी लगाने पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, "एक हिंदुत्ववादी गंगा में अकेले स्नान करता है, जबकि एक हिंदू करोड़ों लोगों के साथ स्नान करता है."
उन्होंने पीएम मोदी के "झूठे" हिंदुत्व के खिलाफ अपनी पार्टी को "सच्चे" हिंदुओं में से एक के रूप में स्थापित करने की कोशिश की. उन्होंने दोनों पक्षों के बीच नफरत के खिलाफ प्यार और हिंसा के खिलाफ अहिंसा के रूप में अंतर किया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं.
हिमाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि, "40,000 साल पहले भारत के सभी लोगों का डीएनए आज के लोगों के समान ही है. हम सभी के पूर्वज एक थे. हमारे पूर्वजों का हमारा देश फला-फूला, हमारी संस्कृति बनी रही."
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