कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्र इस रेस में भले ही वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक को आगे बता रहे हों लेकिन राहुल गांधी जल्दबाजी में कोई भी फैसला करने के मूड में नहीं हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी इस फैसले तक पहुंचने से पहले वरिष्ठ नेताओं से विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने नए अध्यक्ष के नाम को तय करने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से हर पहलू पर बात करने की इच्छा जताई है.
कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फैसला आज, मुकुल वासनिक का नाम सबसे आगे
गौरतलब है कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर लंबे समय से चल रही उहापोह की स्थिति आज खत्म हो सकती है.सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर शनिवार को पार्टी की बैठक में निर्णय होगा. सोनिया गांधी के आवास पर मुलाकात के बाद सूत्रों का कहना है कि मुकुल वासनिक अध्यक्ष पद के दावेदारों में सबसे आगे हैं. आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जानकारी के मुताबिक शनिवार को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में दो दशकों में पहली बार गांधी परिवार से बाहर के किसी शख़्स को पार्टी की कमान मिल सकती है.
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ध्यान हो कि कांग्रेस के 134 सालों के इतिहास में ज्यादातर समय गांधी-नेहरू परिवार के सदस्य ही पार्टी के प्रमुख रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि शनिवार को होने वाली बैठक में सीडब्ल्यूसी औपचारिक तौर पर राहुल गांधी को बतौर अध्यक्ष पार्टी के लिये किये गए कार्यों को लेकर धन्यवाद देगी. आपको बता दें कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में एके एंटनी, अहमद पटेल और केवी वेणुगोपाल जैसे पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. सूत्रों का यह भी कहना है कि बैठक में यह भी तय किया गया कि पार्टी के नए अध्यक्ष के चयन में अब और देरी नहीं की जाएगी. आपको बता दें कि मुकुल वासनिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वे एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. वासनिक सबसे कम उम्र में सांसद बने और अबतक वे चार बार सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा वे केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं.
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नए अध्यक्ष के सामने होंगी ये चुनौतियां:
कांग्रेस लगभग हर राज्य में पार्टी खेमेबाजी से जूझ रही है. जिन राज्यों में सरकारें हैं, वहां भी मुख्यमंत्री और बाकी नेताओं के समीकरण ठीक नहीं हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा लग रहा था कि राहुल गांधी बीजेपी के खिलाफ एक नया मोर्चा बनाने में कामयाब हो जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लेकिन कांग्रेस को अगर एक मजबूत विपक्ष बनना है तो उसे समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ लाना होगा. इसके अलावा नए अध्यक्ष के सामने चुनौती कांग्रेस का पुनर्गठन भी है और इसके लिए जमीन स्तर पर नया कॉडर तैयार करना होगा. जो नेता छोड़कर गए हैं उनकी जगह भरना है और ऐसे नेताओं को तलाश करना होगा जो जमीन स्तर पर काम कर सकें. साथ ही संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस को एक मजबूत विपक्ष की भूमिका में आना होगा.
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