
राजस्थान की वसुंधरा सरकार के एक अध्यादेश को लेकर सियासत गरमा गई है.
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वसुंधरा सरकार के एक अध्यादेश को लेकर सियासत गरमा गई है.
राहुल गांधी ने ट्वीट में किया 1817 का जिक्र.
1817 में अंग्रेजों और सिंधिया घराने के बीच ग्वालियर की संधि हुई.
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क्यों किया 1817 का उल्लेखMadam Chief Minister, with all humility we are in the 21'st century. It's 2017, not 1817. https://t.co/ezPfca2NPS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 22, 2017
राहुल ने अपने ट्वीट में 1817 का उल्लेख इस लिए किया क्योकि 1794 से 1827 तक ग्वालियर में दौलतराव सिंधिया का शासन था. अंग्रेजों ने पिंडारियों के दमन के लिए 1816 में सिंधिया घराने से सहायता करने को कहा. 1817 में पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए अंग्रेजों और सिंधिया घराने के बीच ग्वालियर की संधि हुई. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सिंधिया घराने से खून का रिश्ता है.
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वसुंधरा सरकार ने ऐसा अध्यादेश जारी किया है कि किसी भी जज, मजिस्ट्रेट या लोक सेवक के खिलाफ सरकार से मंजूरी लिए बिना किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है.
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इस आदेश के अनुसार नागरिकों के मूल भूत संवैधानिक अधिकार को ही समाप्त कर दिया हैं. इसका काफी विरोध भी रहा है. हालांकि, राजस्थान की सरकार ये दलील दे रही है कि अध्यादेश लोगों के हित के खिलाफ नहीं है. मकसद ये है कि अधिकारी बिना दबाव के काम कर सकें लेकिन कांग्रेस इसे काला कानून और लोकतंत्र के खिलाफ बता रही है.
देखें वीडियो- क्या राहुल गांधी के पास कोई प्लान है?
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