
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) द्वारा निचले सदन लोकसभा में चीन-भारत के बीच तनाव के मुद्दे पर दिए गए बयान पर हमला बोला है. रक्षा मंत्री के बयान के बाद राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ''रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया. हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा. लेकिन मोदी जी, आप कब चीन के खिलाफ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की जमीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत.''
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में बोले- समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं
रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2020
हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा।
लेकिन मोदी जी,
आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे?
चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे?
चीन का नाम लेने से डरो मत।
बताते चले कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने संसद के निचले सदन लोकसभा में लद्दाख मसले को लेकर सीमा पर बने तनाव के बारे में विस्तृत रूप से बयान दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार की विभिन्न खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय का एक विस्तृत और समय परीक्षण तंत्र (Time Tested Mechanism) है, जिसमें केंद्रीय केंद्रीय पुलिस बल (Central Police Forces) और तीनों सशस्त्र बल की खुफिया एजेंसियां शामिल हैं. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी (Narendra Modi) ने हाल ही में लद्दाख का दौरा कर हमारे बहादुर जवानों से मुलाकात की और उन्होंने यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं.
रक्षा मंत्री ने सदन में कहा, ''मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूरवीरों के साथ कुछ समय बिताया है और मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया है. अप्रैल से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके युद्ध सामाग्री में वृद्धि देखी गई. मई महीने की के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी ट्रूप्स के नॉर्मल, पारंपरिक गश्त पैटर्न (Traditional Patrolling Pattern) में व्यवधान शुरू किया जिसके कारण फेस-ऑफ की स्थिति उत्पन्न हुई.
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राजनाथ सिंह ने यह भी कहा, ''LAC पर टकराव बढ़ता हुआ देखकर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की. इस बात पर सहमति बनी कि पारस्परिक क्रिया के द्वारा disengagement किया जाए. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि LAC को माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे status-quo बदले.''
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