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This Article is From Dec 21, 2014

ड्रग्स मामले में पंजाब के मंत्री विक्रम मजीठिया को ईडी का समन

ड्रग्स मामले में पंजाब के मंत्री विक्रम मजीठिया को ईडी का समन
विक्रम मजीठिया (बाएं) सुखबीर सिंह बादल के साथ
चंडीगढ़:

पंजाब सरकार में मंत्री विक्रम मजीठिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है। इस समन के जरिये मजीठिया को 26 दिसंबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि ड्रग्स तस्करों से सांठ-गांठ के सिलसिले में मजीठिया को पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'ईडी ने मजीठिया को सम्मन जारी किया है।' उन्होंने कहा कि उनसे 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे निदेशालय के जालंधर कार्यालय में पूछताछ हो सकती है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय जांच एजेंसी ईडी ने अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करी में शामिल लोगों से पूछताछ की है, जिसका भंडाफोड़ प्रवासी भारतीय अनूप सिंह कहलों की मदद से मार्च 2013 में फतेहगढ़ साहिब थाने में किया गया।

इसके बाद हुई जांच में पिछले वर्ष नवंबर में कथित सरगना जगदीश भोला की गिरफ्तारी हुई, जो पंजाब पुलिस का निलंबित डीएसपी है। भोला के खुलासे के आधार पर अमृतसर के व्यवसायी बिट्टू औलख और जगजीत सिंह चहल को भी गिरफ्तार किया गया जिनकी दवा की कम्पनियां हैं। भोला और बिट्टू औलख जहां जेल में बंद हैं वहीं चहल को इस वर्ष मार्च में जमानत दे दी गई।

सूत्रों ने कहा कि सभी आरोपियों भोला, बिट्टू और चाहल और बिट्टू के पिता मास्टर प्रताप सिंह से पूछताछ की गई है और उनके बयानों को ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत दर्ज किया है।

सूत्रों ने कहा कि चाहल और बिट्टू के पिता ने अपने बयानों में खुलासा किया कि मंत्री कनाडा के नशा तस्करों सतप्रीत सट्टा और परबिंदर सिंह उर्फ पिंदी को जानते हैं।

ईडी के सूत्रों ने कहा कि चाहल ने अपने बयान में कहा कि सट्टा को भारत में रहने के दौरान मजीठिया दो बंदूकधारी और कार एवं चालक मुहैया कराते थे। उनका बयान भोला के बयानों से मेल खाता है कि सट्टा और पिंडी मजीठिया की शादी में मौजूद थे।

चाहल की दवा की कंपनी है जो कथित रूप से इफेड्रिन और स्यूडोइफेड्रिन का निर्माण करती है, जिनका इस्तेमाल अवैध रूप से कृत्रिम नशीला पदार्थ आईसीई बनाने के लिए किया जाता है। सूत्रों ने कहा कि ईडी ने मजीठिया से पूछताछ के लिए सवालों की सूची तैयार कर ली थी।

बहरहाल मजीठिया से संपर्क नहीं हो सका क्योंकि उनका फोन बंद था। वहीं समन पर प्रतिक्रिया जताते हुए शिअद के सहयोगी भाजपा और कांग्रेस ने मजीठिया के इस्तीफे की मांग की।

पंजाब भाजपा के प्रमुख कमल शर्मा ने कहा कि मामले की 'निष्पक्ष जांच' के लिए मजीठिया को इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं पंजाब कांग्रेस के प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा ने भी उनके इस्तीफे की मांग की और मजीठिया को याद दिलाया कि तत्कालीन जेल मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर के बेटे का नाम इस मामले में आने पर फिल्लौर ने इस्तीफा दे दिया था।

बाजवा ने कहा, 'अब मजीठिया को सम्मन किया गया है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और जांचकर्ताओं के समक्ष उपस्थित होना चाहिए ताकि पारदर्शी जांच का रास्ता साफ हो सके।'

इस बीच लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि नशा तस्करी के मुद्दे पर सतर्कता निदेशालय द्वारा मजीठिया को समन करना केवल उनके रुख को सही ठहराता है।(एजेंसी इनपुट के साथ)

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