Pulwama Terror Attack: शहीद राम वकील ने पत्नी से वादा किया था, अबकी लौटूंगा तो घर जरूर बनवाऊंगा

शहीद राम वकील इसी महीने घर आए थे और 10 फरवरी को छुट्टी पूरी कर वतन की हिफाजत के लिए पुलवामा गए थे.

Pulwama Terror Attack: शहीद राम वकील ने पत्नी से वादा किया था, अबकी लौटूंगा तो घर जरूर बनवाऊंगा

Pulwama Terror Attack: राम वकील 10 फरवरी को ही छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे.

खास बातें

  • हमले में यूपी के राम वकील भी हुए शहीद
  • 10 फरवरी को ही छुट्टियां बिताकर वापस लौटे थे
  • पत्नी से घर बनवाने का किया था वादा
लखनऊ:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack:) के बाद शहीदों के घर मातम पसरा. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. हमले में शहीद इटावा के राम वकील के परिजनों के आंसू ही नहीं थम रहे हैं. शहीद राम वकील इसी महीने घर आए थे और 10 फरवरी को छुट्टी पूरी कर वतन की हिफाजत के लिए पुलवामा गए थे. उन्होंने परिवार से वादा किया था कि जल्द ही फिर छुट्टी लेकर घर आएंगे और मकान बनवाएंगे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका. राम वकील के परिवार में उनकी पत्नी गीता के अलावा तीन छोटे बच्चे हैं.  गुरुवार को जैसे ही वकील राम के शहीद होने की खबर पहुंची तो घर में मातम छा गया. आतंकियों के हमले में शहीद राम वकील मूल रूप से गांव विनायकपुरा के रहने वाले हैं और उनका परिवार में इटावा में रह रहा है. 

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आपको बता दें कि पुलवामा में हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा अटैक में 40 से अधिक जवानों की शहादत के बाद ने राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमले के बाद जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो भी स्वाभाविक हैं. हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दे दी गई है. हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर उनकी बहादुरी पर पूरा भरोसा है. मुझे पूरा भरोसा है कि देश भक्ति के रंग में रंगे लोग, सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे. साथ ही आतंक के लिए हमारी लड़ाई और तेज हो सके. मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वे बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं. बहुत बड़ी कीमत उनको चुकानी पड़ेगी. मैं देश को भरोसा देता हूं, हमले के पीछे जो ताकतें हैं, इस हमले के बीच जो भी गुनहगार हैं, उन्हें उनके किए की सजा अवश्य मिलेगी.

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पीएम मोदी ने कहा कि जो हमारी आलोचना कर रहे हैं, उनकी भावनाओं का भी मैं आदर करता हूं. उनकी भावनाओं को मैं भी समझ पाता हूं, आलोचना करने का उनका पूरा अधिकार भी है. लेकिन मेरा सभी साथियों से अनुरोध है कि वक्त बहुत संवेदनशील और भावुक पल है. पक्ष में या विपक्ष में हम सब राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें और इस हमले का देश एक जुट होकर मुकाबला कर रहा है. देश एक साथ है. देश का एक ही स्वर है, यही विश्व में सुनाई देना चाहिए. लड़ाई हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं. 

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