नई दिल्ली:
राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
राज्य में आठ तारीख को मुंडा सरकार ने झामुमो के समर्थन वापसी से उपजी स्थिति को देखते हुए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर राज्य विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा कर दी थी और राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा दे दिया था।
राज्य विधानसभा में भाजपा और झामुमो के 18-18 विधायक, कांग्रेस के तेरह, झारखंड विकास मोर्चा के 11, आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के छह, राजद के पांच और जदयू के दो विधायक हैं। इनके अलावा अन्य आठ विधायक निर्दलीय अथवा बहुत छोटे दलों के हैं। राज्य विधानसभा में कुल 81 निर्वाचित और एक मनोनीत सदस्य हैं।
केन्द्र सरकार ने राज्य के राज्यपाल डॉ सैय्यद अहमद की शनिवार को की गई अनुशंसा पर गुरुवार को दिल्ली में हुई केन्द्रीय मंत्रिमडल की बैठक में झारखंड में विधानसभा को निलंबित रखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया था। और इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगाने के लिए उसे महामहिम के पास भेज दिया गया था।
राज्य में आठ तारीख को मुंडा सरकार ने झामुमो के समर्थन वापसी से उपजी स्थिति को देखते हुए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर राज्य विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा कर दी थी और राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा दे दिया था।
राज्य विधानसभा में भाजपा और झामुमो के 18-18 विधायक, कांग्रेस के तेरह, झारखंड विकास मोर्चा के 11, आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के छह, राजद के पांच और जदयू के दो विधायक हैं। इनके अलावा अन्य आठ विधायक निर्दलीय अथवा बहुत छोटे दलों के हैं। राज्य विधानसभा में कुल 81 निर्वाचित और एक मनोनीत सदस्य हैं।
केन्द्र सरकार ने राज्य के राज्यपाल डॉ सैय्यद अहमद की शनिवार को की गई अनुशंसा पर गुरुवार को दिल्ली में हुई केन्द्रीय मंत्रिमडल की बैठक में झारखंड में विधानसभा को निलंबित रखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया था। और इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगाने के लिए उसे महामहिम के पास भेज दिया गया था।
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