राष्ट्रीय सुर्खियां बन चुकी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने आज सुबह एक ट्वीट में कांग्रेस के साथ अपने रिश्ते के पतन का संकेत दिया है और पार्टी की आलोचना की है. किशोर ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की गहरी जड़ें जमा चुकी समस्याएं और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है.
44 वर्षीय किशोर ने ट्वीट किया, "लखीमपुर खीरी घटना के आधार पर जो लोग सबसे पुरानी पार्टी (GOP) के नेतृत्व में विपक्ष के त्वरित, स्वतःस्फूर्त पुनरुद्धार की उम्मीद कर रहे थे उन्हें निराशा हाथ लगी है.. दुर्भाग्य से, जीओपी की गहरी जड़ें जमा चुकी समस्याएं और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है."
People looking for a quick, spontaneous revival of GOP led opposition based on #LakhimpurKheri incident are setting themselves up for a big disappoinment.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) October 8, 2021
Unfortunately there are no quick fix solutions to the deep-rooted problems and structural weakness of GOP.
पिछले रविवार (03 अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी में किसानों पर केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा कथित गाड़ी चढ़ाने से चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद भड़की हिंसा में चार और लोगों की मौत हो गई थी. इस हिंसा के पीड़ित परिवारों से कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी मिलने पहुंची थीं लेकिन उन्हें तीन दिनों तक प्रसासन ने हिरासत में रखा, बाद में उन्हें और राहुल गांधी समेत पांच कांग्रेस नेताओं को लखीमपुर जाने की इजाजत दी थी.
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किशोर ने इसी प्रसंग के संदर्भ में ये टिप्पणी की है. इसी साल जुलाई में गांधी परिवार से दिल्ली में मुलाकात के बाद इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रशांत किशोर जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं लेकिन उनकी आज की टिप्पणी दूसरे संकेत दे रही है.
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