वरिष्ठ वकील व एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कोर्ट की अवमानना मामले (Contempt Case) पर फैसला सुनाते हुए उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया. फैसले के अनुसार 15 सितंबर तक जुर्माना नहीं दिए जाने की स्थिति में 3 महीने की जेल हो सकती है और तीन साल के लिए उन्हें वकालत से निलंबित भी किया जा सकता है. इस फैसले के कुछ देर बाद प्रशांत भूषण ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दो तस्वीरों के साथ एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि मेरे वकील व वरिष्ठ सहयोगी राजीव धवन ने मुझे एक रुपए का योगदान दिया.
वकील-कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''मेरे वकील व वरिष्ठ सहयोगी राजीव धवन ने आज के अवमानना फैसले के बाद मुझे 1 रुपए का योगदान दिया, जिसे मैंने आदरपूर्वक स्वीकार किया.''
बता दें कि 63 वर्षीय प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने यह कहते हुए पीछे हटने या माफी मांगने से इनकार कर दिया कि यह उनकी अंतरात्मा और न्यायालय की अवमानना होगी. उनके वकील ने तर्क दिया है कि अदालत को प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की अत्यधिक आलोचना झेलनी चाहिए क्योंकि अदालत के कंधे इस बोझ को उठाने के लिए काफी हैं.
बताते चलें कि 25 अगस्त को जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी ने प्रशांत माफी मांगने से इनकार करने के बाद उनकी सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी सजा के खिलाफ तर्क दिया है. यह देखते हुए कि न्यायाधीश "स्वयं की रक्षा करने या समझाने के लिए प्रेस के पास नहीं जा सकते हैं," अदालत ने प्रशांत भूषण के की प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए कहा, "अगर इनकी जगह कोई और होता, तो इसे नजरअंदाज करना आसान होता."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं