ट्वीट मामले में वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले में उनके वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलील दाखिल की है. इसमें सुप्रीम कोर्ट से अवमानना का दोषी ठहराने के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही कहा है कि इस मामले में भूषण को कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए.
दलीलों में कहा गया है कि भूषण की टिप्पणी अच्छे विश्वास में की गई, सत्य तथ्यों पर स्थापित राय थी. ऐसी ही बात अटार्नी जनरल ने भी कही है. वर्तमान विवाद जैसी टिप्पणियां सार्वजनिक क्षेत्र में जस्टिस लोकुर, कुरियन जोसेफ और एपी शाह, अरुण शौरी और अन्य द्वारा भी की गई हैं और समाचार पत्रों और टीवी द्वारा रिपोर्ट की गई हैं. इससे ये लगेगा कि उन्होंने भी अवमानना की है.
दलील में कहा गया है कि इस आधार पर माफी मांगने के लिए प्रशांत के साथ जोर-जबरदस्ती करने की कोई कोशिश नहीं होनी चाहिए, कि कुछ और स्वीकार्य नहीं है.
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