पीम नरेंद्र मोदी योग सेशन में भाग ले सकते हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश की सुरक्षा से जुड़े सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आजकल योगा की प्रैक्टिस कर रहे हैं. फ़िट रहने के लिए नहीं बल्कि डीजीपी कॉन्फ़्रेंस में करने के लिए. आईबी द्वारा आयोजित ये कॉन्फ़्रेंस इस साल हैदराबाद में नैशनल पुलिस अकादमी में 25-27 नवंबर के बीच हो रही है लेकिन इस साल कुछ आसनों में बदलाव है. पिछले साल जहां सबने मिलकर सूर्या नमस्कार और चक्रासन किया था इस साल ज़ोर शव आसान और बाल आसान पर है.
इसके पीछे सीधा-सीधा तर्क ये है कि प्रधानमंत्री इस साल इस बैठक में सिर्फ़ एक दिन हिस्सा लेंगे यानी नवंबर 25 शाम हैदराबाद पहुंचेंगे और दूसरी दोपहर यानी 26 नवंबर को वहां से रवाना हो जाएंगे. यानी तीन दिन चलने वाली कॉन्फ़्रेंस में एक दिन ही वो योग में हिस्सा लेंगे. इस बात को लेकर सभी अफ़सरों में काफ़ी उत्साह है.
पिछले साल ये कॉन्फ़्रेंस ढोर्डो (भुज) में हुई थी और प्रधानमंत्री ने दो दिन ख़ुद सुबह छह बजे उठकर ख़ुद तो योग किया था. साथ ही पूरे देश के सभी अफ़सरों को दंडवत नमस्कार करवाए थे. लेकिन इस बार ख़ुद प्रधानमंत्री का पक्का नहीं है कि वो योगा सेशन में हिस्सा लेंगे या नहीं इसीलिए सभी अफ़सर इस साल ज़्यादा फ़ोकस शव आसान और बाल आसान की प्रैक्टिस पर कर रहे हैं.
"मैं शव आसान बहुत अच्छा करता हूँ," एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी से मुस्कुराते हुए कहा तो एक पुलिस अफ़सर के मुताबिक़ ऐसे योग सत्र में सिर्फ़ सांस लेने की क्रियाओं पर फ़ोकस होना चाहिए. आख़िर पुलिस अफ़सर तनावभरी ज़िंदगी जो जीते है. अनुलोम-विलोम जैसे है कपालभाति जैसे योग आसनों पर फ़ोकस होना चाहिए. "मुझे ख़ुद अनुलोम-विलोम करना पसंद है क्यूंकि उससे पूरा शरीर तंदुरस्त रहता है," उनका तर्क है.
वैसे प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है की प्रधानमंत्री इस साल एक दिन ही इस बैठक में इसीलिए हिस्सा ले रहे हैं क्योंकि देश में जो नोटबंदी को लेकर हल्ला मच रहा है उस पर वो ज़्यादा ध्यान दे रहे है.
इसके पीछे सीधा-सीधा तर्क ये है कि प्रधानमंत्री इस साल इस बैठक में सिर्फ़ एक दिन हिस्सा लेंगे यानी नवंबर 25 शाम हैदराबाद पहुंचेंगे और दूसरी दोपहर यानी 26 नवंबर को वहां से रवाना हो जाएंगे. यानी तीन दिन चलने वाली कॉन्फ़्रेंस में एक दिन ही वो योग में हिस्सा लेंगे. इस बात को लेकर सभी अफ़सरों में काफ़ी उत्साह है.
पिछले साल ये कॉन्फ़्रेंस ढोर्डो (भुज) में हुई थी और प्रधानमंत्री ने दो दिन ख़ुद सुबह छह बजे उठकर ख़ुद तो योग किया था. साथ ही पूरे देश के सभी अफ़सरों को दंडवत नमस्कार करवाए थे. लेकिन इस बार ख़ुद प्रधानमंत्री का पक्का नहीं है कि वो योगा सेशन में हिस्सा लेंगे या नहीं इसीलिए सभी अफ़सर इस साल ज़्यादा फ़ोकस शव आसान और बाल आसान की प्रैक्टिस पर कर रहे हैं.
"मैं शव आसान बहुत अच्छा करता हूँ," एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी से मुस्कुराते हुए कहा तो एक पुलिस अफ़सर के मुताबिक़ ऐसे योग सत्र में सिर्फ़ सांस लेने की क्रियाओं पर फ़ोकस होना चाहिए. आख़िर पुलिस अफ़सर तनावभरी ज़िंदगी जो जीते है. अनुलोम-विलोम जैसे है कपालभाति जैसे योग आसनों पर फ़ोकस होना चाहिए. "मुझे ख़ुद अनुलोम-विलोम करना पसंद है क्यूंकि उससे पूरा शरीर तंदुरस्त रहता है," उनका तर्क है.
वैसे प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है की प्रधानमंत्री इस साल एक दिन ही इस बैठक में इसीलिए हिस्सा ले रहे हैं क्योंकि देश में जो नोटबंदी को लेकर हल्ला मच रहा है उस पर वो ज़्यादा ध्यान दे रहे है.
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