संसद के बजट सत्र में गर्माएगा आधार कार्ड पर सरकार की नीतियों का मुद्दा

संसद के बजट सत्र में गर्माएगा आधार कार्ड पर सरकार की नीतियों का मुद्दा

डेरेक ओ ब्रायन (फाइल फोटो).

खास बातें

  • मुफ्त सिलिंडर के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता का विरोध
  • वामपंथी दल और तृणमूल कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में
  • देश में करीब 30 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड नहीं
नई दिल्ली:

अब गरीबों को मुफ्त सिलिंडर तभी मिलेगा जब उनके पास आधार कार्ड होगा. लेफ्ट पार्टियां और तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत फ्री एलपीजी कनेक्शन के लिए अब आधार कार्ड जरूरी है. इसके पहले मिड डे मील को भी आधार से जोड़ा गया है. विपक्ष अब इसे मुद्दा बनाने की तैयारी में है. एनडीटीवी से बातचीत में तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी गुरुवार को फिर शुरू हो रहे बजट सत्र में दूसरे विपक्षी दलों के साथ यह मामला जोर-शोर से उठाएगी.  

डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा , "पहले मिड-जे मील स्कीम, आईसीडीसी...अब खबर है कि उज्जवला योजना को भी आधार से जोड़ा जा रहा है...हम इससे विशेष तौर पर चिंतित हैं और संसद में दूसरे विपक्षी दलों से साझा रणनीति बनाकर संसद में उठाएंगे."  डेरेक ने दावा किया कि देश में करीब 30 करोड़ लोगों के पास आधार नहीं हैं और इसमें 90% बच्चे हैं. इस मसले पर लेफ्ट भी नाराज है...और इसे संसद में उठाने की तैयारी कर रहा है.

सीपीएम सांसद तपन सेन ने कहा, "बंगाल में मिड-डे मील स्कीम या कोई दूसरी योजना आधार से जोड़ी जाती है तो उससे बड़ी संख्या में गरीबों को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा."

बजट सत्र का दूसरा दौर शुरू होने से ठीक पहले सरकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य करने का फैसला सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है. एक तरफ सरकार महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने की कवायद में जुटी है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसके खिलाफ लामबंद होता दिख रहा है. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष के इस विरोध से कैसे निपटती है.


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