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खास बातें
- गीतिका ख़ुदकुशी मामले को चार दिन गुज़र चुके हैं लेकिन इस मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा का पुलिस को कोई पता नहीं है।
नई दिल्ली: गीतिका ख़ुदकुशी मामले को चार दिन गुज़र चुके हैं लेकिन इस मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा का पुलिस को कोई पता नहीं है। कांडा की तलाश के लिए अब दिल्ली पुलिस की छह टीमें लगाई गई हैं। उधर कांडा ने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दे दी है।
गीतिका खुदकुशी मामले का मुख्य आरोपी गोपाल कांडा बुधवार सुबह अपनी आलीशान कोठी से ऑडी कार में सवार होकर निकला लेकिन दिल्ली पुलिस के सामने हाजिर होने की बजाय पूरे दिन लुकाछिपी का खेल खेलता रहा।
गोपाल कांडा को पूछताछ के लिए बुधवार की सुबह हाज़िर होना था। इलाके के डीसीपी अपने जांच अधिकारी के साथ केशवपुरम थाने में कांडा का इंतजार करते रहे लेकिन कांडा तो नहीं उसका संदेश आया।
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक कांडा एक ऑडी कार में सवार होकर पुलिस थाने के आसपास ही घूम रहा था। उसे इस बात का डर है कि पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है लिहाजा वो तीन दिनों का वक़्त मांगकर अग्रिम ज़मानत लेने की फिराक में लगा है।
एमडीएलआर की पूर्व डायरेक्टर गीतिका शर्मा ने अपनी मौत के लिए गोपाल कांडा और कंपनी की जनरल मैनेजर अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने अरुणा और कंपनी के लीगल एडवाइज़र अंकित अहलूवालिया से भी पूछताछ की है। आरोप है कि अंकित ने गीतिका की मौत के एक दिन पहले उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी।
दिल्ली पुलिस कांडा से यह जानना चाहती है कि आखिर उसने गीतिका को योग्यता न होने के बाद भी इतनी जल्दी कंपनी का डायरेक्टर कैसे बना दिया और उसने एमबीए करने के लिए इतनी मोटी रकम क्यों दी। साथ ही वो कौन से कागजात हैं जिनपर कंपनी का लिगल एडवाइजर अहलूवालिया, गीतिका के साइन लेना चाहता था।
पुलिस इस मामले में एमडीएलआर के एक और कमर्चारी मनदीप से भी पूछताछ कर रही है। पता चला है कि मनदीप के नाम कुछ मोबाइल कनेक्शन थे जिनका इस्तेमाल कांडा गीतिका को फोन करने के लिए करता था। इधर, पुलिस ने गीतिका के घरवालों के बयान भी अदालत में दर्ज करवा दिए हैं।