गन्ना किसानों का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
गन्ना किसानों की बदहाली पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बैठक बुलाई है। इस बैठक में शुगर मिलों पर किसानों के बकाए क़रीब 14 हज़ार करोड़ की रकम पर चर्चा होगी।
अगर बकाए की बात करें तो सिर्फ यूपी में ही चीनी मिलों का 9000 करोड़ से ज़्यादा की रकम बकाया है। ऐसे में चीनी मिल मालिकों के लिए जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है।
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के महानिदेशक अविनाश वर्मा कहते हैं, 'चीनी उद्योग में अब फायदा नहीं रहा। अगर सरकार मदद करे तभी हालात सुधरेंगे। अगर सरकार 25 लाख टन चीनी हमसे खरीदे तो चीनी मिल मालिकों के पास 7000 करोड़ का कैश-फ्लो होगा और हम किसानों के पेमेंट कर सकेंगे।
शुगर इंडस्ट्री unviable हो चुकी है।' उधर दिल्ली में गन्ना किसानों की बकाया राशि के मसले पर खाद्य मंत्री की बड़े गन्ना-उत्पादक राज्यों के साथ गुरुवार की बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद पासवान ने कहा, 'गन्ना किसानों की बकाया राशि के मसले पर राज्यों के पास संतोषजनक जवाब नहीं था। हम चाहते हैं कि किसानों को उनकी बकाया राशि मिले और मिल भी बंद ना हों।'
अगर बकाए की बात करें तो सिर्फ यूपी में ही चीनी मिलों का 9000 करोड़ से ज़्यादा की रकम बकाया है। ऐसे में चीनी मिल मालिकों के लिए जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है।
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के महानिदेशक अविनाश वर्मा कहते हैं, 'चीनी उद्योग में अब फायदा नहीं रहा। अगर सरकार मदद करे तभी हालात सुधरेंगे। अगर सरकार 25 लाख टन चीनी हमसे खरीदे तो चीनी मिल मालिकों के पास 7000 करोड़ का कैश-फ्लो होगा और हम किसानों के पेमेंट कर सकेंगे।
शुगर इंडस्ट्री unviable हो चुकी है।' उधर दिल्ली में गन्ना किसानों की बकाया राशि के मसले पर खाद्य मंत्री की बड़े गन्ना-उत्पादक राज्यों के साथ गुरुवार की बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद पासवान ने कहा, 'गन्ना किसानों की बकाया राशि के मसले पर राज्यों के पास संतोषजनक जवाब नहीं था। हम चाहते हैं कि किसानों को उनकी बकाया राशि मिले और मिल भी बंद ना हों।'
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