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This Article is From Sep 22, 2021

भारत-अमेरिका साझेदारी और अन्‍य मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करूंगा : US रवाना होने के पहले PM मोदी

अमेरिका यात्रा के लिए रवाना होने के पहले पीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'मैं 22 से 25 सितंबर तक अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के आमंत्रण पर यूएस दौरे पर रहूंगा. ' 

पीएम नरेंद्र मोदी 22 से 25 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( (PM Narendra Modi) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक और ऐतिहासिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रवाना हुए. अमेरिका यात्रा  के लिए रवाना होने के पहले पीएम मोदी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'मैं 22 से 25 सितंबर तक अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के आमंत्रण पर यूएस दौरे पर रहूंगा. अपनी इस यात्रा के दौरान मैं राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के साथ भारत-अमेरिका वैश्चिक साझेदारी और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करूंगा. मैं विज्ञान और टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए अमेरिका की उप राष्‍ट्रपति कमला हैरिस के मिलने के लिए भी इच्‍छुक हूं. ' 

बयान में कहा गया है, 'मैं अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडेन, ऑस्‍ट्रेलिया के पीएम स्‍कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशीहिद सुगा के साथ पहले क्‍वाड लीडर्स शिखर सम्‍मेलन में शिरकत करूंगा.यह सम्‍मेलन इस वर्ष मार्च में हमारे वर्चुअल सम्‍मेलन के परिणामों का आकलन करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण के आधार पर भविष्‍य की प्राथमिकताओं की पहचान करने का अवसर प्रदान करता है. मैं ऑस्‍ट्रेलिया और जापान के पीएम से भी मुलाात करूंगा. संयुक्‍त राष्‍ट्र साधारण सभा में कोविड महामारी, आतंकवाद से निपटने की जरूरत,  क्‍लाइमेट चेंज और अन्‍य अहम विषयों पर पने संबोधन के साथ अपनी यात्रा का समापन करूंगा.'

उन्होंने कहा, ‘'मेरा अमेरिका दौरा उसके साथ व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा.''उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. अमेरिका क्वाड समूह की बैठक कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे. इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है.मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक डिजिटल माध्यम से आयोजित की थी और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता प्रकट की थी। समझा जाता है कि इसका परोक्ष संदेश चीन को लेकर था.अमेरिका में ‘इंडियास्पोरा' (Indiaspora) के संस्थापक एम आर रंगास्वामी (MR Rangaswami) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi ) की अमेरिकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत मजबूत स्थिति में है और भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी गति पकड़ी है. रंगास्वामी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी एक मजबूत स्थिति में अमेरिका आ रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत, दुनिया में एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है. कम्पनियां इसे न केवल एक निवेश गंतव्य के रूप में देख रही हैं, बल्कि बड़ी संख्या में भारतीय ‘स्टार्टअप' अब ‘यूनिकॉर्न' में बदल रहे हैं. ‘यूनिकॉर्न' उन स्टार्टअप कम्पनी को कहा जाता है, जिसका मूल्य एक अरब डॉलर से अधिक है.

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