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This Article is From Jan 04, 2019

इम्फाल में बोले पीएम मोदी: पहले की सरकारों ने नॉर्थ ईस्ट को दिल्ली से दूर किया, हम आपके दरवाजे तक दिल्ली ले आए

लोकसभा चुनाव का भले ही औपचारिक शंखनाद नहीं हुआ हो, मगर उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी बिगुल फूंक चुके हैं.

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इम्फाल में बोले पीएम मोदी: पहले की सरकारों ने नॉर्थ ईस्ट को दिल्ली से दूर किया, हम आपके दरवाजे तक दिल्ली ले आए
मणिपुर और सिल्चर में पीएम मोदी की रैली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव का भले ही औपचारिक शंखनाद नहीं हुआ हो, मगर उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी बिगुल फूंक चुके हैं. आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में बराक घाटी स्थित सिल्चर में और मणिपुर में हैं. इम्फाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस मणिपुर को, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की आज़ादी का गेटवे बताया था, उसको अब न्यू इंडिया की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए हैं. जहां से देश को आज़ादी की रोशनी दिखी थी, वहीं से नए भारत की सशक्त तस्वीर आप सभी की आंखों में स्पष्ट दिखाई दे रही है. आप सभी साक्षी रहे हैं कि नॉर्थ-ईस्ट के साथ बीते दशकों में पहले की सरकारों ने क्या किया. उनके रवैये ने दिल्ली को आपसे और दूर कर दिया था. पहली बार अटल जी की सरकार के समय, देश के इस अहम क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाने की पहल हुई थी. हम दिल्ली को आपके दरवाजे तक ले आए हैं. 

पीएम मोदी ने कहा कि मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं. आपसे मिलता हूं, बातें करता हूं तो एक अलग ही सुख मिलता है, अनुभव मिलता है. मुझे अफसर से रिपोर्ट नहीं मांगनी पड़ती, सीधे आप लोगों से मिलती है. ये फर्क है पहले और आज में. ऐसे निरंतर प्रयासों की वजह से अलगाव को हमने लगाव में बदल दिया है. आज इन्हीं कोशिशों की वजह से पूरा नॉर्थ ईस्ट परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है. तीस-चालीस साल से अटके हुए प्रोजेक्ट्स पूरे किए जा रहे हैं. आपके जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है. 

देश के जिन 18 हज़ार गांवों को रिकॉर्ड समय में अंधेरे से मुक्ति मिली है, उनमें सबसे आखिरी गांव कांगपोकपी जिले का लेइशांग है. जब भी भारत के हर गांव तक बिजली पहुंचाने के अभियान की बात आएगी तो, लेइशांग और मणिपुर का नाम भी आएगा. आज मणिपुर को 125 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का भी उपहार मिला है. ये सिर्फ एक चेक पोस्ट नहीं है दर्जनों सुविधाओँ का केंद्र भी है. भारत म्यांमार सीमा पर स्थित ये चेकपोस्ट यात्री और व्यापार की सुविधा देगा. 

पीएम मोदी ने कहा कि दोलाईथाबी बराज की फाइल 1987 में चली थी. निर्माण का काम 1992 में 19 करोड़ की लागत से शुरु हुआ था. 2004 में इसको स्पेशल इक्नॉमिक पैकेज का हिस्सा बनाया गया, लेकिन फिर लटक गया. 2014 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ और ये प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद अब बनकर तैयार है. हम जो संकल्प लेते हैं, उसे सिद्ध करने के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं, परिश्रम करते हैं. हमें ऐहसास है कि योजनाओं में देरी से सबसे ज्यादा नुकसान देश के गरीब का, सामान्य मानवी का होता है. मैं आपको कुछ और उदाहरण देना चाहता हूं. 

मणिपुर की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण Sawombung के FCI गोडाउन का लोकार्पण आज किया गया. 2016 में इस पर काम शुरु हुआ और हमने इसका काम पूरा करके दिखाया है. समय पर पूरा होने से ज्यादा खर्च से बचे और अनाज स्टोर करने के लिए 10 हज़ार MT अतिरिक्त व्यवस्था का निर्माण भी हो गया. उखरुल और उसके आसपास के हज़ारों परिवारों की पानी की ज़रूरतों को देखते हुए Buffer Water Reservoir पर काम 2015 में शुरु हुआ. ये तैयार भी हो गया है और आज इसका लोकार्पण किया गया. ये प्रोजेक्ट 2035 तक की ज़रूरतों को पूरा करने वाला है. 

चुराचांदपुर, जोन-थ्री प्रोजेक्ट पर भी 2014 में काम शुरु हुआ और 4 वर्ष बाद आज लोकार्पण भी हो गया है. इससे 2031 तक यहां की आबादी की पानी की ज़रूरतें पूरी होंगी. Go To Hills और Go To Village के तहत यहां की राज्य सरकार दूर दराज़ के इलाकों तक पहुंच रही है. जनभागीदारी को सरकारी योजनाओं का हिस्सा बनाने के ये प्रयास सराहनीय हैं. यही कारण है कि आज मणिपुर बंद और ब्लॉकेड के दौर से बाहर निकलकर आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटा है. कनेक्टिविटी के साथ-साथ यहां की बिजली व्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है. आज ही 400 केवी की सिल्चर इम्फाल लाइऩ को भी राष्ट्र को समर्पित किया है. 7 सौ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी ये लाइन पावर कट की समस्या को दूर करेगी. 

मणिपुर हर पैमाने पर आज विकास के रास्ते पर चल रहा है. स्वच्छ भारत अभियान में भी मणिपुर ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है. चंदेल जिला जो देश के 100 से अधिक Aspirational Districts में है, वहां भी तमाम पैरामीटर्स में बहुत अधिक सुधार देखा गया है. आज शिक्षा, स्किल और स्पोर्ट्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है. धनमंजूरी विश्वविद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट हों, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज से जुड़े प्रोजेक्ट हों, ये सभी युवा साथियों को सुविधा देने वाले हैं. 

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इससे पहले भाजपा के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को को कहा कि यह रैली मोदी द्वारा चुनाव प्रचार के पहले चरण का हिस्सा होगी.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास ने कहा कि पूर्वोत्तर के अपने दिनभर के दौरे में मोदी सबसे पहले मणिपुर जाएंगे जहां वह एक रैली में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे. इसके बाद, उनका सिल्चर क्षेत्र के कालीनगर में एक रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है. भाजपा और इसके सहयोगियों ने क्षेत्र के आठ राज्यों की 25 संसदीय सीटों में से 21 पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य बनाया है। असम में उन्हें 14 सीटों में से कम से कम 11 पर जीतने की उम्मीद है. पिछले लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने असम में सात सीटें जीती थीं। 2016 विधानसभा चुनावों में वह 61 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. 

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