पीएम मोदी ने कहा, अफगानिस्तान के दर्द को समझता है भारत

नई दिल्ली:

भारत ने आज अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों द्वारा सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाए जाने और हिंसा को समर्थन देना बंद करने की मजबूत पैरवी की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सुरक्षा के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

राजनीति और भूगौलिक बाधाओं के बावजूद भारत-अफगानिस्तान की साझेदारी के फलने फूलने को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के संविधान के ढांचे के भीतर और रंचमात्र हिंसा के बिना अफगानिस्तान की अगुवाई और उसके अपने मालिकाना इख्तियार की सफलता दोनों के साझा हित में है।

व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर गनी के साथ समग्र वार्ता के बाद मोदी ने भारत की यात्रा पर आए अफगानी नेता के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए गनी के दृष्टिकोण के प्रति भारत के समर्थन का संदेश देते हैं।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की अगुवाई और उसके अपने इतिख्यार वाली प्रक्रिया की सफलता में साझा हित निहित हैं। यह अफगानिस्तान के संविधान के ढांचे के भीतर और बिना किसी हिंसा के होना चाहिए। मोदी ने कहा, इससे पिछले 14 साल की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को मजबूती मिलनी चाहिए और इससे अफगान महिलाओं समेत समाज के सभी वर्गों के अधिकारों और आकांक्षाओं का संरक्षण होना चाहिए।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अफगानिस्तान में पिछली सरकार द्वारा हिंसा को समर्थन देने का आरोप झेलने वाले पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, इस प्रक्रिया की सफलता के लिए पड़ोसियों द्वारा हिंसा को समर्थन देना बंद करने के साथ ही सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाने की जरूरत है।