पीएम मोदी ने असम में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरूआत की
नई दिल्ली:
बजट सत्र से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है। असम में चुनाव प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीधे गांधी-नेहरू परिवार पर हमला बोला। मोदी ने कहा, "यह नकरात्मकता की राजनीति है, विरोध की राजनीति है...अवरोध पैदा करने की राजनीति है। इस प्रकार की सोच का जो परिवार है उसने यह तबाही लाकर रखी है।" इस पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जवाब देने में देरी नहीं की। राहुल ने कहा, "डेढ़ साल से मोदी पीएम हैं। उनको यह मालूम नहीं हुआ है कि पीएम का काम देश चलाने का होता है, बहाने बनाना नहीं होता।"
चुनावी अभियान की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम के डिबरूगढ़ में एक पारंपरिक नगाड़े को बजाकर राज्य में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरूआत कर दी है। इस मौके पर पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के गांधी परिवार पर भी निशाना साधा। बगैर किसी का नाम लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए सिर्फ 'एक परिवार' जिम्मेदार है जिसने अहम विधेयक और नीतियों को पारित करने के काम में रोड़ा अटकाया है। मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि ऐसा करके यह परिवार 2014 में मिली चुनावी हार का बदला ले रहा है।
राज्य में अप्रैल महीने में होने वाले चुनाव में बीजेपी को मौका दिए जाने की बात कहते हुए पीएम मोदी ने कहा 'विपक्ष में ऐसे कई नेता हैं जो मेरा विरोध करने के बावजूद संसद चलने देना चाहते हैं लेकिन एक परिवार तो इतना सख्त है कि वह राज्यसभा भी चलने नहीं देता।'
'बहाने बनाना काम नहीं'
उधर राहुल गांधी ने पीएम के इस वार पर जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का काम देश चलाने का है, बहाने बनाने का नहीं। पिछले डेढ़ साल से नरेंद्र मोदी पीएम हैं, अब उन्हें देश चलाने का काम करना चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि किसानों, मजदूरों के साथ साथ अब उद्योगपति भी रो रहे हैं क्योंकि उन्हें शिकायत है कि सरकार उनका काम ही नहीं कर रही है।
डिब्रूगढ़ से लेकर दिल्ली तक ज़ुबानी जंग
डिब्रूगढ़ से लेकर दिल्ली तक चली यह ज़ुबानी जंग इशारा कर रही है कि बजट सत्र कैसा होगा। दिल्ली में अपने पार्टी नेताओं के साथ नरेगा और दूसरी योजनाओं के अमल पर बातचीत कर रहे राहुल गांधी ने मनरेगा के मामले में भी प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, "बीजेपी की सरकार, आरएसएस और मोदी, हमने जो प्रोग्राम गरीबों के लिए शुरू किए थे, उन पर आक्रमण कर रहे हैं।"
गैर बीजेपी शासित राज्यों से सौतेले व्यवहार का आरोप
कांग्रेस की बैठक में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने मनरेगा समेत दूसरी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वन पर अपने-अपने राज्यों के अनुभव रखे। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने बैठक के बाद NDTV इंडिया से कहा, जब से एनडीए सरकार आई है मनरेगा के लिए ग्रांट एक तिहाई घटा दी गई है। " जबकि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने NDTV इंडिया से कहा, "पिछले 18 महीनों में फंड्स कम मिलने की वजह से हम सिर्फ 43% लोगों को मनरेगा में रोजगार दिला पाए हैं। गैर-बीजेपी शासित राज्यों को पूरा फंड्स नहीं दिया जा रहा है। उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।"
सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में कांग्रेस
अब कांग्रेस की तैयारी यूपीए के समय शुरू हुई योजनाओं को सही तरीके से लागू कराने के लिए एनडीए सरकार पर दबाव बढ़ाने की है। मनरेगा और दूसरी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर जिस तरह से राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं और सीधे प्रधानमंत्री पर हमला किया है उससे साफ है कि सरकार और कांग्रेस के बीच अहम मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है और अगले बजट सत्र के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम राय बनाना प्रधानमंत्री के लिए आसान नहीं होगा।
नजरें बजट सत्र पर
गौरतलब है कि इस महीने के अंत में बजट सत्र शुरू होने वाला है और सरकार को उम्मीद है कि वह जीएसटी समेत राज्यसभा में अटके कई अहम बिलों को पारित कर पाएगी। बता दें कि राज्यसभा में कांग्रेस बहुमत में है और बीजेपी को उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा राज्यों में चुनाव जीतकर वह इस स्थिति को विपरीत कर सकेगी। अप्रैल से पांच राज्यों में चुनाव शुरू हो जाएंगे जिसमें असम भी शामिल है जहां कांग्रेस की सरकार है। पीएम मोदी ने डिबरूगढ़ में कहा कि कांग्रेस ने राज्य के कल्याण की पूरी तरह अनदेखी की है और अब असम का विकास तभी मुमकिन हो सकता है जब राज्य सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य बैठ पाए।
चुनावी अभियान की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम के डिबरूगढ़ में एक पारंपरिक नगाड़े को बजाकर राज्य में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरूआत कर दी है। इस मौके पर पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के गांधी परिवार पर भी निशाना साधा। बगैर किसी का नाम लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए सिर्फ 'एक परिवार' जिम्मेदार है जिसने अहम विधेयक और नीतियों को पारित करने के काम में रोड़ा अटकाया है। मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि ऐसा करके यह परिवार 2014 में मिली चुनावी हार का बदला ले रहा है।
राज्य में अप्रैल महीने में होने वाले चुनाव में बीजेपी को मौका दिए जाने की बात कहते हुए पीएम मोदी ने कहा 'विपक्ष में ऐसे कई नेता हैं जो मेरा विरोध करने के बावजूद संसद चलने देना चाहते हैं लेकिन एक परिवार तो इतना सख्त है कि वह राज्यसभा भी चलने नहीं देता।'
'बहाने बनाना काम नहीं'
उधर राहुल गांधी ने पीएम के इस वार पर जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का काम देश चलाने का है, बहाने बनाने का नहीं। पिछले डेढ़ साल से नरेंद्र मोदी पीएम हैं, अब उन्हें देश चलाने का काम करना चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि किसानों, मजदूरों के साथ साथ अब उद्योगपति भी रो रहे हैं क्योंकि उन्हें शिकायत है कि सरकार उनका काम ही नहीं कर रही है।
डिब्रूगढ़ से लेकर दिल्ली तक ज़ुबानी जंग
डिब्रूगढ़ से लेकर दिल्ली तक चली यह ज़ुबानी जंग इशारा कर रही है कि बजट सत्र कैसा होगा। दिल्ली में अपने पार्टी नेताओं के साथ नरेगा और दूसरी योजनाओं के अमल पर बातचीत कर रहे राहुल गांधी ने मनरेगा के मामले में भी प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, "बीजेपी की सरकार, आरएसएस और मोदी, हमने जो प्रोग्राम गरीबों के लिए शुरू किए थे, उन पर आक्रमण कर रहे हैं।"
गैर बीजेपी शासित राज्यों से सौतेले व्यवहार का आरोप
कांग्रेस की बैठक में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने मनरेगा समेत दूसरी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वन पर अपने-अपने राज्यों के अनुभव रखे। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने बैठक के बाद NDTV इंडिया से कहा, जब से एनडीए सरकार आई है मनरेगा के लिए ग्रांट एक तिहाई घटा दी गई है। " जबकि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने NDTV इंडिया से कहा, "पिछले 18 महीनों में फंड्स कम मिलने की वजह से हम सिर्फ 43% लोगों को मनरेगा में रोजगार दिला पाए हैं। गैर-बीजेपी शासित राज्यों को पूरा फंड्स नहीं दिया जा रहा है। उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।"
सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में कांग्रेस
अब कांग्रेस की तैयारी यूपीए के समय शुरू हुई योजनाओं को सही तरीके से लागू कराने के लिए एनडीए सरकार पर दबाव बढ़ाने की है। मनरेगा और दूसरी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर जिस तरह से राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं और सीधे प्रधानमंत्री पर हमला किया है उससे साफ है कि सरकार और कांग्रेस के बीच अहम मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है और अगले बजट सत्र के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम राय बनाना प्रधानमंत्री के लिए आसान नहीं होगा।
नजरें बजट सत्र पर
गौरतलब है कि इस महीने के अंत में बजट सत्र शुरू होने वाला है और सरकार को उम्मीद है कि वह जीएसटी समेत राज्यसभा में अटके कई अहम बिलों को पारित कर पाएगी। बता दें कि राज्यसभा में कांग्रेस बहुमत में है और बीजेपी को उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा राज्यों में चुनाव जीतकर वह इस स्थिति को विपरीत कर सकेगी। अप्रैल से पांच राज्यों में चुनाव शुरू हो जाएंगे जिसमें असम भी शामिल है जहां कांग्रेस की सरकार है। पीएम मोदी ने डिबरूगढ़ में कहा कि कांग्रेस ने राज्य के कल्याण की पूरी तरह अनदेखी की है और अब असम का विकास तभी मुमकिन हो सकता है जब राज्य सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य बैठ पाए।
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