"पीएम, अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया जाए": खुदकुशी की कोशिश करने वाले किसान की प्रतिक्रिया

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन में अब तक करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है. किसान करीब एक माह से दिल्ली की कई सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं.

Farmers Suicide : किसानों के आंदोलन का सबसे बड़ा केंद्र है सिंघु बॉर्डर (प्रतीकात्मक) 

नई दिल्ली:

पंजाब के तरनतारन (Tarantaran) जिले से ताल्लुक रखने वाले 65 साल के एक किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को जहर खाकर जान देने का प्रयास किया. निरंजन सिंघु बॉर्डर कोंडली (Singhu Border Kondli) में चल रहे आंदोलन कर रहे हजारों किसानों में से एक हैं. निरंजन के जहर खाने की जानकारी होने के बाद पहले उन्हें पानीपत के एक अस्पताल ले जाया गया और फिर पीजीआई रोहतक ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर है. तबियत में सुधार के बाद निरंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा, "मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हू्ं.सरकार शायद तब जागेगी कि जब आत्महत्या (Suicide attempt) जैसी घटनाएं होंगी. जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो उसे इस काम के लिए उकसाने वाले पर पुलिस केस दर्ज करती है. मेरे मामले में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर केस दर्ज किया जाना चाहिए." जब किसान जीवित नहीं रहेगा तो कोई और कैसे जिंदा रहेगा.वहीं पंजाब के फिरोजपुर में एक किसान कुलबीर सिंह ने सोमवार को खुदकुशी कर ली, जो दिल्ली के आंदोलन में शामिल होकर लौटा था. कुलबीर पर करीब 8 लाख रुपये का कर्ज था. किसान नेताओं ने रविवार को आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी थी और उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया था. पंजाब के बठिंडा जिले में भी 22 साल का एक युवा किसान भी आंदोलन से लौटने के बाद जान दे चुका है.

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उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने (Farmers Union) सोमवार से अगले 24 घंटों की भूख हड़ताल (Relay Hunger Strike) शुरू की है. केंद्र सरकार के वार्ता के न्योते पर किसान नेता मंगलवार को पंजाब और राष्ट्रीय किसान नेताओं की बैठक होगी.भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रमुख और पंजाब के किसान नेता मंजीत सिंह का कहना है कि सरकार बार-बार बातचीत की बात कहकर लगातार किसानों की मांगों को टाल रही है. सरकार फौरन कृषि कानून (Farm Laws) रद्द करे. मंजीत सिंह का कहना है कि मंगलवार को बैठक के बाद तय होगा कि सरकार से बात करनी है या नहीं. किसान नेताओं का कहना है कि हम 6 महीने यहीं बैठे रहेंगे. आढ़तियों और किसानों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर सिंह ने कहा कि सरकार जितना आंदोलन (Farmers Protest) को दबाएगी वह उतना ही मजबूत होगा.