नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि अवसंरचना क्षेत्र के विकास के लिए ठेके आवंटित करते समय पारदर्शिता बरतने की जरूरत है ताकि सरकार पर पक्षपात करने का आरोप न लगे। 'राष्ट्रीय राजमार्गो के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के सामने चुनौतियां' विषय पर एक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि ये सार्वजनिक परियोजनाएं हैं और इनमें सार्वजनिक हित सर्वोपरि होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट दिखना जरूरी है कि ठेके का आवंटन, निर्माण कार्य और परियोजना का संचालन स्वच्छ और पारदर्शी तरीके से हो, ताकि किसी तरह के पक्षपात या कारोबारी समूहों और सरकारी अधिकारियों के बीच तथाकथित साठगांठ का आरोप न लगे।" भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के सामने आने से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकार की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। कुछ वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों का कहना है कि कई सरकारी एजेंसियां अब ठेकों के आवंटन से कतरा रही हैं। उन्हें डर लग रहा है कि कहीं उनके फैसलों पर बाद में सवाल खड़ा न हो जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगली पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2012-13 से 2016-17) में नौ फीसदी की विकास दर हासिल करने के लिए सड़कों का बेहतर नेटवर्क बहुत जरूरी है और इस पर समुचित निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, "नौ फीसदी के विकास दर लक्ष्य को हासिल करने में आधारभूत संरचना क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमारा लक्ष्य 11वीं पंचवर्षीय योजना के 500 अरब डॉलर के निवेश को 12वीं पंचवर्षीय योजना में दोगुना कर 1000 अरब डॉलर करने का है।" देश के 71,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में से 20,000 किलोमीटर सिर्फ एक लेन का है। उन्होंने कहा कि एक निश्चित समय में इन मार्गों को दोहरे लेन का बनाने के लिए तत्काल इस्तेमाल के लिए तैयार यानी टर्न की आधार पर ठेके आवंटित किए जाएंगे, ताकि कम खर्च में तेज गति से काम पूरा हो सके। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी के मुताबिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत इस वर्ष के अंत तक 7,800 किलोमीटर लम्बे राजमार्गों के निर्माण के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपये के ठेके आवंटित किये जाएंगे। उन्होंने हर रोज 20 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनने की उम्मीद जताते हुए कहा, "पहले चार माह में 21 हजार करोड़ रुपये के ठेके आवंटित किए जा चुके हैं।"
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