केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद के मानसून सत्र में लगातार हंगामे को लेकर विपक्षी दलों को घेरा है. बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा होता रहा, इस पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि जनता को संसद सत्र का इंतज़ार रहता है ताकि उनके मुद्दे संसद में उठें.आज 18 प्रश्नों के उत्तर दिए गए. कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया औऱ सदन की मर्यादा भंग की. दरअसल, संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक एक भी दिन संसद का कामकाज सुचारू रूप से नहीं चल सका है. विपक्ष लगातार पेगासस जासूसी मुद्दे, महंगाई और किसान आंदोलन पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है और कामकाज रोककर तुरंत चर्चा की मांग कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कभी स्पीकर पर काग़ज़ फेंकना, कभी मंत्री पर फेंकना औऱ पत्रकार दीर्घा तक काग़ज़ फेंकना, यह लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक कह चुके हैं कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं तो फिर विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है?क्या विपक्ष के पास चर्चा के लिए पर्याप्त विषय नहीं है?क्या विपक्ष भारत को दुनिया भर में बदनाम करने की कोशिश कर रहा है?
अनुराग ठाकुर ने कहा, मंत्री सदन में बयान देने लगता है को उसके हाथ से काग़ज़ छीन कर फाड़ दिया जाता है. मैं राहुल गांधी और सोनिया जी से पूछना चाहता हूं कि क्या नेहरू जी, इंदिरा जी के समय विपक्ष की ऐसी भूमिका थी? हम चर्चा का स्वागत करते हैं लेकिन ऐसी घटनाओं की हम निंदा करते हैं.
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से जब सवाल पूछा गया कि आखिर सरकार विपक्ष के जासूसी मुद्दे पर कार्य स्थगन नोटिस पर चर्चा नही कराती. तो उन्होंने कहा, दोनों ही सदनों में राज्यसभा हो या लोकसभा वहां पर बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग होती है सभी दलों के सांसद आकर मिलते हैं. स्पीकर और सभापति तय करते हैं किस पर चर्चा करानी है. सरकार तो पहले दिन से ही चर्चा अलग अलग विषयों पर चाहती है. सरकार जवाब के लिये तैयार है.
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