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This Article is From Mar 18, 2022

"यूपी के प्रभारी लोग ...": पी चिदंबरम का प्रियंका गांधी पर परोक्ष निशाना

पी चिदंबरम ने कहा, "यूपी के प्रभारी लोगों ने एक ही समय में दो काम करने की कोशिश की. पहला था पार्टी का पुनर्निर्माण, और दूसरा चुनाव लड़ना. मैंने उन्हें आगाह किया था कि दोनों एक ही समय में नहीं हो सकते."

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"यूपी के प्रभारी लोग ...": पी चिदंबरम का प्रियंका गांधी पर परोक्ष निशाना
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम.
नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अप्रत्यक्ष आलोचना करते हुए दिखाई दिए. उन्होंने आज एनडीटीवी को बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के पार्टी नेतृत्व को चुनाव लड़ने और एक ही समय में पार्टी के पुनर्निर्माण के खिलाफ आगाह किया था. उन्होंने सुझाव दिया था कि पहले पार्टी का पुनर्निर्माण किया जाए.

प्रियंका गांधी वाड्रा को उनके भाई और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चार साल पहले उत्तर प्रदेश में पार्टी के पुनर्निर्माण का काम सौंपा था. वे चुनाव प्रचार के दौरान खुले तौर पर दोनों काम करने की बात कर रही थीं.

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लगातार जमीन खोती जा रही है. यह एक ऐसा राज्य है जिस पर उसने 1989 से शासन नहीं किया है. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में पार्टी का व्यावहारिक रूप से सफाया हो गया. वह 2017 में जीती गईं सात सीटों में से पांच हार गई. पार्टी का वोट शेयर घटकर 2.4 फीसदी पर सिमट गया. 

पी चिदंबरम ने एनडीटीवी से एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि,"यूपी में हम सभी जानते हैं कि पार्टी पिछले कुछ वर्षों में सूख गई है."  उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि पार्टी की हालिया चुनावी हार के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि "यूपी के प्रभारी लोगों ने एक ही समय में दो काम करने की कोशिश की. पहला पार्टी का पुनर्निर्माण और दूसरा चुनाव लड़ना. मैंने उन्हें चेतावनी दी थी कि दोनों एक ही समय में नहीं हो सकते. पार्टी का पुनर्निर्माण पहले होना चाहिए और चुनाव में जाना बाद में हो सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से पार्टी का पुनर्निर्माण और चुनावी लड़ाई एक ही समय में हुई."

उन्होंने आगे कहा, "पार्टी में गंभीर कमियां हैं जो मैंने इंगित की हैं, जिन्हें (कपिल) सिब्बल और (गुलाम नबी) आजाद जैसे अन्य लोगों ने इंगित किया है और इसलिए हमें उन संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करना होगा."

आजाद और सिब्बल उन असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं जिन्हें जी-23 कहा जाता है. उन्होंने दो साल पहले व्यापक संगठनात्मक परिवर्तन और जवाबदेह नेतृत्व का आह्वान किया था.

हार के ताजा दौर के बाद कड़े बदलाव की मांग के बीच जी-23 के नेता नियमित बैठकें कर रहे हैं, जिससे पार्टी में संभावित विभाजन की अटकलें तेज हो रही हैं.

समूह से पार्टी को विभाजित न करने का आग्रह करते हुए चिदंबरम ने कहा, "मेरी उनसे अपील है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस जाएं और पार्टी का निर्माण करें. सभी को वापस जाना चाहिए और पार्टी इकाइयों का पुनर्निर्माण करना चाहिए."

इस बात पर जोर देते हुए कि गांधी परिवार ने हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है, चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने गोवा के लिए जिम्मेदारी स्वीकार की थी, और अन्य ने अन्य राज्यों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार की थी.

उन्होंने कहा कि "कोई भी जिम्मेदारी से भाग नहीं रहा है. लेकिन जिम्मेदारी हर किसी के पास नेतृत्व की स्थिति में है, चाहे वह ब्लॉक, जिला, राज्य और एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) स्तर पर हो. यह कहना पर्याप्त नहीं है कि एआईसीसी नेतृत्व जिम्मेदार है."

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