नई दिल्ली:
शनिवार को मुंबई में हुई हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी−शिवसेना ने सरकार पर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का आरोप लगाया तो केंद्र सरकार ने इस हिंसा को सांप्रदायिक चश्मे से न देखने की सलाह दी।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि मुंबई की रैली में सिर्फ बाहरवालों का समर्थन दिखा, स्थानीय लोगों का नहीं। बीजेपी के नेता बलबीर पुंज ने इस हंगामे के बीच कहा कि जिस संगठन ने यह रैली की थी उसके कायर्क्रमों में अक्सर ऐसे हालात आते हैं।
एनडीए के ही घटक जेडीयू ने इस पर कड़ा एतराज़ जताया कि सदन में एक समुदाय को लेकर ऐसी भाषा इस्तेमाल हो रही है। जेडी (यू) के नेता शिवानंद तिवारी ने इस रवैये को शमर्नाक करार दिया।
कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने कहा कि जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मुंबई से लेकर दिल्ली तक इसे जो सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है वह भी कम दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि मुंबई की रैली में सिर्फ बाहरवालों का समर्थन दिखा, स्थानीय लोगों का नहीं। बीजेपी के नेता बलबीर पुंज ने इस हंगामे के बीच कहा कि जिस संगठन ने यह रैली की थी उसके कायर्क्रमों में अक्सर ऐसे हालात आते हैं।
एनडीए के ही घटक जेडीयू ने इस पर कड़ा एतराज़ जताया कि सदन में एक समुदाय को लेकर ऐसी भाषा इस्तेमाल हो रही है। जेडी (यू) के नेता शिवानंद तिवारी ने इस रवैये को शमर्नाक करार दिया।
कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने कहा कि जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मुंबई से लेकर दिल्ली तक इसे जो सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है वह भी कम दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है।
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