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This Article is From Dec 13, 2016

जब 15 बरस पहले लोकतंत्र का मंदिर हुआ लहुलूहान...संसद में दी गई श्रद्धांजलि

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जब 15 बरस पहले लोकतंत्र का मंदिर हुआ लहुलूहान...संसद में दी गई श्रद्धांजलि
संसद भवन परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि देते पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्‍ली: आज संसद पर आतंकी हमले के 15 साल पूरे हो गए हैं. उस आतंकी हमले में शहीद हुए वीरों को संसद में आज श्रद्धांजलि दी गई. 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने भारतीय संसद पर हमला किया था. उस आतंकी हमले में दिल्‍ली पुलिस के छह सदस्‍य, दो पार्लियामेंट सेक्‍योरिटी सर्विस के सदस्‍य शहीद हुए थे. संसद परिसर का एक कर्मचारी भी मारा गया. जवाबी कार्रवाई में पांचों आतंकी ढेर कर दिए गए. उस हमले के बाद भारत-पाकिस्‍तान तनाव चरम पर पहुंच गया था और भारत ने पश्चिमी मोर्चे पर सैन्‍य गतिविधियों को बढ़ा दिया था.

हमला  
आतंकी संगठनों लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्‍मद के पांच आतंकी दोपहर 11.40 बजे डीएल-3सीजे-1527 नंबर वाली अंबेसडर कार से संसद भवन के परिसर में गेट नंबर 12 की तरफ बढ़े. गृह मंत्रालय और संसद के लेबल वाले स्‍टीकर गाड़ी पर लगे होने के कारण प्रवेश मिल गया. उससे ठीक पहले लोकसभा और राज्‍यसभा 40 मिनट के लिए स्‍थगित हुई थी और माना जाता है कि तत्‍कालीन गृह मंत्री लालकृष्‍ण आडवाणी समेत करीब 100 संसद सदस्‍य उस वक्‍त सदन में मौजूद थे.

सबसे पहले सीआरपीएफ की कांस्‍टेबल कमलेश कुमारी ने आतंकियों को देखा और तत्‍काल अलार्म बजाया. आतंकियों की गोली में मौके पर उनकी मौत हो गई. एक आतंकी को जब गोली मारी गई तब उसकी सुसाइड वेस्‍ट से विस्‍फोट हो गया और बाकी चार आतंकियों को भी सुरक्षाबलों ने मौत के घाट उतार दिया.  

ट्रायल
अफजल गुरु : मुख्‍य साजिशकर्ता माना जाता है. जैश-ए-मुहम्‍मद के गाजी बाबा के कहने पर संसद पर हमले की योजना बनाई. अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. सुप्रीम कोर्ट में भी फांसी बरकरार. दया याचिकाएं खारिज. नौ फरवरी, 2013 को फांसी दे दी गई.

एसएआर गिलानी : दिल्‍ली यूनिवर्सिटी में प्रोसेफर. निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. लेकि उच्‍च अदालत में सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए.

शौकत हुसैन : दिल्‍ली के मुखर्जी नजर में पांचों आतंकियों के लिए रहने के इंतजाम करने का आरोप. निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. बाद में उस सजा को दस साल की कैद में बदला गया. अच्‍छे आचरण के चलते जेल में सजा पूरी होने से नौ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया.

अफ्शां (नवजोत संधू) : शौकत की पत्‍नी. पांच साल की सजा मिली.

जो शहीद हुए...
 
parliament attack

नानक चंद और रामपाल (असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर, दिल्‍ली पुलिस)
ओमप्रकाश और घनश्‍याम (हेड कांस्‍टेबल, दिल्‍ली पुलिस)
कमलेश कुमारी (सीआरपीएफ में महिला कांस्‍टेबल)
जगदीश प्रसाद यादव (सिक्‍योरिटी असिस्‍टेंट ऑफ वाच एंड वार्ड स्‍टाफ)
देश राज (सीपीडब्‍ल्‍यूडी के कर्मचारी)
मातंबर सिंह (सिक्‍योरिटी असिस्‍टेंट)  
 
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