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लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के कथित अवैध भूमि सौदों के मामले को लेकर और किश्तवाड़ में दंगे को लेकर हुए हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही कुछ सांसद जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ शहर में हुई सांप्रदायिक हिंसा का विरोध शुरू कर दिए।
इस शोरगुल के बीच भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने बिना किसी का नाम लिए वाड्रा पर आरोप लगाने शुरू किया।
सिन्हा ने कहा, "हमारे देश एवं विश्व में कई अच्छे प्रबंधन संस्थान हैं, जो व्यवसायियों को करोड़ों रुपये कमाने का तरीका सिखाते हैं। लेकिन हमारे देश में एक बेहद पहुंच वाला व्यक्ति है, जो कभी प्रबंधन स्कूल में नहीं गया लेकिन उसने करोड़ों रुपये बनाए हैं।"
उनके इस बयान पर सत्ता पक्ष ने विरोध जताया। इस कोलाहल के बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर में कार्यवाही शुरू होने पर भी वही नजारा था और सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सदन की कार्यवाही चलाने और खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा करने पर सहमति बनी। लेकिन अपराह्न 2.30 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो इसे दो स्थगनों का सामना करना पड़ा। पहला स्थगन अपराह्न तीन बजे तक के लिए और उसके बाद एक अतिरिक्त घंटे के लिए और फिर दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
ये सभी व्यवधान तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा तेलंगाना गठन के विरोध में हंगामा करने की वजह से हुए।
खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कोशिश की, लेकिन वह खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा की शुरुआत नहीं कर सके।
जम्मू एवं कश्मीर के किश्तावाड़ में हुए सांप्रदायिक दंगे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा परे लगे आरोपों पर संसद की कार्यवाही सोमवार से लगातार बाधित रही है।
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