यह ख़बर 01 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

संसद के दोनों सदनों में हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

खास बातें

  • वित्त मंत्री द्वारा वित्त वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश किए जाने के अगले ही दिन यानी मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल नहीं हो सका।
नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा वित्त वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश किए जाने के अगले ही दिन यानी मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल नहीं हो सका और यह विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। मध्य प्रदेश में किसानों की हालत, वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों, जाति आधारित जनगणना और फोन टैपिंग के मामले को लेकर विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने 84 के दंगों में हरियाणा के रेवाड़ी में मारे गए लोगों के मामले को उठाने और इस पर चर्चा कराने की अनुमति की मांग करते हुए जबकि जनता दल (युनाइटेड) के सदस्यों ने जाति आधारित जनगणना और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्यों ने टेलीफोन टैपिंग के मामले पर दोनों सदनों में हंगामा किया। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही पहली बार 11.15 बजे तक फिर दोपहर 12 बजे और उसके बाद दो बजे तक स्थगित हुई। उधर राज्यसभा 12 बजे तक स्थगित हुई। इसके बाद सदन में काकाज सामान्य रूप से चला। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसे गम्भीर मामला बताते हुए इस पर सदन में चर्चा कराए जाने की मांग की। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के तीन दिनों बाद कथित तौर पर गुस्साई भीड़ ने सिखों के गांव में हमला कर काफी खूनखराबा किया था। इस दौरान 32 लोग मारे गए थे। जिला प्रशासन को इस घटना की जांच करने का आदेश दिया गया था। भाजपा के सदस्यों ने मध्यप्रदेश में किसानों की हालत को लेकर काफी हंगामा किया। भाजपा के भूपेन्दर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार पहले ही किसानों की सहायता के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि लगातार आग्रह किए जाने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से किसी प्रकार की सहायता मुहैया नहीं कराई जा रही है। लोकसभा में जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर भी हंगामा हुआ। सदस्यों ने कहा कि सरकार यह बताए कि जाति के आधार पर कब और कैसे जनगणना कराई जाएगी। विरोध कर रहे सांसद अध्यक्ष के आसन के करीब आ गए जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही 12 बजे जैसे ही शुरू हुई गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट किया। चिदम्बरम ने कहा, "जाति आधारित जनगणना जून में आरम्भ होगी और सितम्बर में समाप्त हो जाएगी। यदि कोई भी सदस्य अपनी सलाह देना चाहता है कि यह कैसे कराई जाए, तो उस पर विचार किया जाएगा।" ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्य फोन टैपिंग मामले को लेकर इस दौरान लोकसभा में हंगामा कर रहे थे। उधर, राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को जैसे ही शुरू हुई भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी अकाली दल के सदस्यों ने रेवाड़ी में हुए सिखों की हत्या के मामले को उठाने की अनुमति देने की मांग की। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से कहा कि वह इस मामले में पहले नोटिस दे। उन्होंने सदस्यों से इस मुद्दे को शून्य काल के दौरान उठाने की बात कही। सदस्यों के शांत नहीं होने पर सभापति ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। लेकिन सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा के सदस्यों ने इस बार दूसरे मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।


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