अर्धसैनिक बलों में काम कर रहे लाखों कांस्टेबलों को राहत देने वाले कदम के तौर पर गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे बलों में काफी पहले समाप्त कर दिए गए 'हवलदार' के पद को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
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नई दि्ल्ली:
अर्धसैनिक बलों में काम कर रहे लाखों कांस्टेबलों को राहत देने वाले कदम के तौर पर गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसे बलों में काफी पहले समाप्त कर दिए गए 'हवलदार' के पद को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ के प्रमुखों की एक समिति ने हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह से मुलाकात की। बैठक के बाद इस पद के निर्माण का फैसला किया गया, जो कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल के तौर पर पदोन्नति के लिए 19-20 साल के लंबे समय को 5 साल कम कर देगा।
अब कांस्टेबल 14 साल में 'हवलदार' के रूप में प्रोन्नत हो सकेंगे। 'हवलदार' से हेड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नति का समय करीब दो से तीन साल होगा, जिसका अर्थ होगा कि सुरक्षा बलों की अहम कड़ी माने जाने वाले ये जवान 20 साल से कम समय में दो पदोन्नतियां प्राप्त कर सकेंगे, जबकि मौजूदा नियमों में वे दो दशकों में एक ही बार प्रोन्नत हो पाते हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बलों से कहा है कि इस संबंध में एक खाका तैयार करें और संबंधित बलों में इस कल्याणकारी कदम को जल्दी लागू किया जाए। इस पूरे मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, गृह मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक रूप से मंजूर इस नए कदम से न केवल कांस्टेबलों के बीच खुशी की लहर दौड़ेगी, बल्कि ऐसे समय में उनका मनोबल भी बढ़ेगा, जबकि देशभर में आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से ये बल कठिन जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।
गृह मंत्रालय इन कर्मियों के उत्साह को बढ़ाने के लिए चुनौती का सामना कर रहा है। इनकी लंबे समय से शिकायत रही है कि उन्हें कई बार सेवा में 20 साल या इससे भी ज्यादा समय में एक भी पदोन्नति नहीं मिलती।
अधिकारी के मुताबिक पदोन्नति के साथ कांस्टेबलों के वेतन में भी इजाफा होगा, जो अलग-अलग बलों पर निर्भर करेगा। इस बाबत अधिसूचना जल्दी जारी हो सकती है।
सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ के प्रमुखों की एक समिति ने हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह से मुलाकात की। बैठक के बाद इस पद के निर्माण का फैसला किया गया, जो कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल के तौर पर पदोन्नति के लिए 19-20 साल के लंबे समय को 5 साल कम कर देगा।
अब कांस्टेबल 14 साल में 'हवलदार' के रूप में प्रोन्नत हो सकेंगे। 'हवलदार' से हेड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नति का समय करीब दो से तीन साल होगा, जिसका अर्थ होगा कि सुरक्षा बलों की अहम कड़ी माने जाने वाले ये जवान 20 साल से कम समय में दो पदोन्नतियां प्राप्त कर सकेंगे, जबकि मौजूदा नियमों में वे दो दशकों में एक ही बार प्रोन्नत हो पाते हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बलों से कहा है कि इस संबंध में एक खाका तैयार करें और संबंधित बलों में इस कल्याणकारी कदम को जल्दी लागू किया जाए। इस पूरे मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, गृह मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक रूप से मंजूर इस नए कदम से न केवल कांस्टेबलों के बीच खुशी की लहर दौड़ेगी, बल्कि ऐसे समय में उनका मनोबल भी बढ़ेगा, जबकि देशभर में आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से ये बल कठिन जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।
गृह मंत्रालय इन कर्मियों के उत्साह को बढ़ाने के लिए चुनौती का सामना कर रहा है। इनकी लंबे समय से शिकायत रही है कि उन्हें कई बार सेवा में 20 साल या इससे भी ज्यादा समय में एक भी पदोन्नति नहीं मिलती।
अधिकारी के मुताबिक पदोन्नति के साथ कांस्टेबलों के वेतन में भी इजाफा होगा, जो अलग-अलग बलों पर निर्भर करेगा। इस बाबत अधिसूचना जल्दी जारी हो सकती है।
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