इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को उन सभी छह कट्टर आतंकवादियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी जिन्हें नवगठित सैन्य अदालतों ने दोषी ठहराया था। फैसले की निष्पक्षता और अदालतों द्वारा इस्तेमाल सैन्य अधिकारों को लेकर विरोध की आवाज उठी थी।
सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने 2 अप्रैल को छह आतंकवादियों की मौत की सजा और एक को उम्रकैद की सजा पर मुहर लगाई थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय बार संघ ने कल एक याचिका दाखिल कर सजा लागू होने पर रोक लगाने की मांग की थी।
शीर्ष अदालत ने एक दोषी को दी जाने वाली उम्रकैद की सजा पर भी रोक लगा दी।
उच्चतम न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल सलमान असलम बट को एक नोटिस भी भेजा और सुनवाई 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने 2 अप्रैल को छह आतंकवादियों की मौत की सजा और एक को उम्रकैद की सजा पर मुहर लगाई थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय बार संघ ने कल एक याचिका दाखिल कर सजा लागू होने पर रोक लगाने की मांग की थी।
शीर्ष अदालत ने एक दोषी को दी जाने वाली उम्रकैद की सजा पर भी रोक लगा दी।
उच्चतम न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल सलमान असलम बट को एक नोटिस भी भेजा और सुनवाई 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
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