
पी चिदंबरम के साथ पुत्र कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो).
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कार्ति ने दलों को निजी पारिवारिक जागीर करार दिया
कोई भी दल बाहरियों को राजनीति में मौका देना नहीं चाहता
2014 में तमिलनाडु के शिवगंगा से लड़ चुके हैं चुनाव
उन्होंने कहा कि ये दल पारिवारिक संपत्तियों की तरह हैं और इन्होंने नेता बनने के लिए इच्छुक नए बाहरी लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं. ऐसे में राजनीति में आने के इच्छुक नए नेता इन पार्टियों में फिट नहीं होते क्योंकि उसको पार्टी के मुखिया या दल में अन्य नेताओं का गुणगान करना होता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के माहौल के चलते मौजूदा परिदृश्य में नए राजनीतिक दल के लिए पूरी गुंजाइश है.
सभी दलों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बताते हुए कार्ति ने आरोप लगाया कि ये सभी दल सिर्फ अपने पार्टी के सदस्यों के परिजनों को ही आगे बढ़ाते हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या किसी दल ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को या किसी आईआईटी टॉपर को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस, बीजेपी, डीएमके, अन्नाडीएमके या चाहें उत्तर भारत की कोई और पार्टी हो, इन सभी पर परिवार का कब्जा है और बाहरियों के लिए कोई चांस नहीं है. हालांकि यह सभी है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कार्ति चिदबंरम तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे. इसी सीट से उनके पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम पिछले तीन दशकों से चुनाव लड़ते रहे हैं.
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