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This Article is From May 29, 2020

OYO के 26 साल के CEO ने बताया, 'छंटनी या सेलरी कट' में क्या बुरा 

"कहने की जरूरत नहीं है कि हम काफी प्रभावित हैं क्योंकि OYO ट्रैवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री पर बहुत ज्यादा निर्भर है. कोरोना महामारी का होटल उद्योग पर अल्पकालिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है''

OYO के 26 साल के CEO ने बताया, 'छंटनी या सेलरी कट' में क्या बुरा 
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते आर्थिक मंदी की मार वैसे तो अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर पर पड़ी है लेकिन पर्यटन और होटल व्यवसाय पर इसका खासा असर हुआ है. Oyo के संस्थापक और सीईओ 26 साल के रितेश अग्रवाल ने NDTV को बताया कि होटल चेन ओयो रूम्स (OYO Rooms)भी अब यह सुनिश्चित करने में लगा है कि उनके यहां कोविड-19 की वजह से छंटनी ना हो और हो भी तो नाममात्र की है. हालांकि कंपनी का मानना है कि वेतन कटौती करनी ही होगी. संख्या के मामले में दुनिया के सबसे बड़े हॉस्पिटैलिटी ब्रांडों में से एक ओयो होटल्स एंड होम्स के शीर्ष कार्यकारी ने एनडीटीवी के दिए इंटरव्यू में बताया  'यह एक बुरे विकल्प पर एक बुरा विकल्प है. यह एक अविश्वसनीय रूप से दर्दनाक समय है, खासकर जब आप एक युवा कंपनी हैं और आपने अपने टीम के सदस्यों के साथ मिलकर काम किया है.'

उनका यह बयान ऐसे समय में आता है जब भारत ने कोरोनोवायरस प्रकोप के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी तालाबंदी के तीसरे महीने में प्रवेश किया है, जिसने अर्थव्यवस्था को गतिरोध में धकेल दिया है, और कई बिजनेस बंद हो गए है, कई कंपनियों को अपनी वर्कफोर्स को निकलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. हॉस्पिटैलिटी बिजनेस कोरोनोवायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, वैश्विक और घरेलू यात्रा एक दम ना के बराबर है. रितेश अग्रवाल ने कहा "जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, कुछ ऐसे उद्योग हैं जो वायरस से काफी प्रभावित हैं ... सिनेमा, एयरलाइंस, होटल, यात्रा  और पर्यटन सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से हैं," 

अग्रवाल ने कहा, "कहने की जरूरत नहीं है कि हम काफी प्रभावित हैं क्योंकि OYO ट्रैवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री पर बहुत ज्यादा निर्भर है. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने अपने वैश्विक राजस्व में 50-60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और भारत में कोरोनोवायरस लॉकडाउन के चलते भी अधिक है. कोरोना महामारी का होटल उद्योग पर अल्पकालिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, "यह आने वाले कुछ और समय के लिए रहेगा ... यह संभवत: आगे बढ़ने वाले कुछ महीनों के लिए बढ़ाया जाएगा ... हालांकि, दुनिया के कई हिस्सों से अच्छी खबरें भी आ रही हैं जहां जहां OYO संचालित होता है," OYO रूम्स  जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप द्वारा समर्थित है.

उन्होंने कहा कि सप्ताह भर के बंद के कारण होटल व्यवसाय में मंदी आई है. "OYO केवल उन लोगों की सेवा कर रही है जो सेल्फ आईसोलेशन के लिए, क्वारंटाइन के लिए या अंतरराष्ट्रीय और घरेलू गंतव्यों से फंसे पर्यटकों के लिए कमरे का उपयोग कर रहे हैं,"

2020 की शुरुआत में घोषित OYO के वैश्विक पुनर्गठन योजना पर बोलते हुए, अग्रवाल ने कहा: "हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हम अपने संचालन को मजबूत करें. यह हमारे लिए बहुत कठिन समय था ... उस  अवधि के ठीक बाद जब हमें लगा कि हम उस अवसर से उबरने लगे हैं, जब COVID-19 संकट ने हमें मारा." हमारे लिए एक कठिन परिस्थिति रही है. ”

जनवरी और मार्च के बीच, OYO ने मुख्य रूप से चीन और भारत में 5,000 नौकरियों में कटौती की, इसे लगभग 25,000 कर्मचारियों के साथ छोड़ दिया और राजस्व गारंटी को हटाने के लिए होटलों के साथ अनुबंध में संशोधन किया. ओयो ने अपने टीम के सदस्यों के साथ एंग्जमेंट्स की है और टीमों के लिए 25 प्रतिशत वेतन कटौती पर सहमति व्यक्त की है. मैंने खुद अपना 100 प्रतिशत वेतन कटवाया है." पिछले महीने, ओयो होटल्स एंड होम्स ने अप्रैल से शुरू होने वाले चार महीनों के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत कटौती की घोषणा की, और अपने कुछ कर्मचारियों को सीमित लाभ के साथ छुट्टी पर भेज दिया.

इससे पहले अप्रैल में, कोरोनोवायरस के प्रकोप ने हॉस्पिटैलिटी बिजनेस में कहर बरपाते हुए ग्लोबल टूअर को रोके जाने के बाद, कंपनी ने  अपने हजारों अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों को निकाल दिया था. बता दें कि OYO में जापानी समूह सॉफ्टबैंक की 46 फीसदी हिस्सेदारी है. 

यहां देखें रितेश अग्रवाल का पूरा इंटरव्यू

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