उच्चतम न्यायालय ने वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोपों से घिरे केरल के प्रसिद्ध श्रीपद्मनाभ स्वामी मंदिर की संपत्ति का पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय की देखरेख में विशेष ऑडिट का गुरुवार को आदेश दिया। इसके अलावा न्यायालय ने तिरुअनंतपुरम के जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक नई प्रशासनिक समिति का गठन भी किया है।
न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि अगले आदेश तक 'मंदिर की कोई भी संपत्ति बेची नहीं जाएगी या किसी भी तरीके से उसका निष्पादन नहीं किया जाएगा' और यदि जिला न्यायाधीश हिन्दू समुदाय के अलावा किसी अन्य समुदाय का होगा तो जिले में हिन्दू आस्था वाले दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश प्रशासनिक समिति की अध्यक्षता करेंगे।
न्यायमूर्ति आरएम लोढा और न्यायमूर्ति एके पटनायक की खंडपीठ ने कहा कि प्रशासनिक समिति के अन्य सदस्यों में मंदिर के 'तंत्री' इस समय सतीश नंबूदरीपाद होंगे और जिला न्यायाधीश दो अन्य सदस्यों का चयन करेंगे। इनमें से एक सदस्य का मनोनयन राज्य सरकार करेगी।
न्यायालय ने मंदिर के प्रबंधन के पुनर्गठन पर जोर देते हुए स्पष्ट किया कि मौजूदा ट्रस्टियों की देखरेख में मंदिर का कामकाज ठीक नहीं है। न्यायाधीशों ने कहा, 'मौजूदा ट्रस्टी बुरी तरह असफल रहे हैं और उन्हें बदलना ही होगा। यदि हम उन्हीं व्यक्तियों को फिर मौका दें और फिर उन्हें मंदिर का कामकाज सौंपें तो भगवान ही मंदिर को बचाएगा।'
न्यायाधीशों ने कहा, 'उन्हें व्यापक जनहित और मंदिर के हित को ध्यान में रखना है।' न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए नौकरशाह सतीश कुमार को श्रीपद्मनाभ स्वामी मंदिर का कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया जो दैनिक कार्यों की जिम्मेदारी देखेंगे। सतीश कुमार को त्रिशूर में गुरुवायुर मंदिर के प्रबंधन का अनुभव है।
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