#SaveSaba: पाकिस्तान की सबा को बचाने के लिए भारतीय कर रहे हैं दिल खोलकर दान

#SaveSaba: पाकिस्तान की सबा को बचाने के लिए भारतीय कर रहे हैं दिल खोलकर दान

बिटगिविंग पर दी गई सबा की तस्वीर

मुंबई:

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच नफरत और हिंसा के कई उदाहरण मिलते हैं तो दोनों देशों को एक साथ जोड़ने की भी कई जीवंत कहानियां अक्सर सामने आती रहती हैं। वैसे तो दोनों देशों के 69वें स्वतंत्रता दिवस पर खबरों में पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर के उल्लंघन की खबरें ही छाई रहीं। लेकिन इस तनाव के बीच भी दोनों देशों को 15 साल की बीमार लड़की सबा ने जोड़ दिया।

दरअसल मुंबई के एक अस्पताल में पाकिस्तानी नागरिक सबा भर्ती है और वह एक बेहद दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है। सबा की मदद के लिए भारत की आजादी की 69वीं जयंती पर मुंबई में एक अभियान की शुरुआत हुई। सबा के इलाज के लिए 10 लाख रुपये इकट्ठा करने के मकसद से यह कैंपेन शुरू किया गया है।

इस अभियान के जरिए आम लोगों से सबा के लिए फंड जुटाया जा रहा है। अच्छी बात ये है कि कैंपेन शुरू होने के कुछ ही देर बाद इस अभियान को समर्थन भी मिलना लगा। 'सेव सबा' नाम से जारी इस मुहिम में पहला ही योगदान 1,000 रुपये का आया। अपील कुछ इस तरह है...

'हम चाहते हैं कि एक जवान और भरी-पूरी जिंदगी को बचाया जाए। हम यह संदेश भी देना चाहते हैं कि देशों के बीच की सीमाएं भले ही इंसानों को बांटती हों, लेकिन प्यार उन्हें हमेशा जोड़ता है। चाहे सीमा के इस पार या फिर उस पार, दोनों देशों के बच्चों को जिंदा रहने का हक है। उन्हें जीना चाहिए भले ही वह किसी भी देश के हों और भले ही उनका इलाज किसी भी देश में चल रहा हो।'

असल में पाकिस्तान के कराची शहर की निवासी 15 साल की सबा 'विल्सन्स डिजीज' नाम की एक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही हैं। इस बीमारी की खासियत यह है कि इसमें लिवर, ब्रेन के साथ-साथ शरीर के कई जरूरी हिस्सों में तांबा जमा हो जाता है। तांबे का यह जमाव मरीज की जान भी ले सकता है।

मुंबई के जसलोक अस्पताल में इलाज करा रही सबा के बारे में 'द ब्लूबेल्स कम्युनिटी' को इस साल की शुरुआत में पता चला। उस समय भी इस संस्था की सदस्य शाबिया वालिया ने सबा के इलाज के लिए 7 लाख रुपये जुटाकर जमा कराए थे। पाकिस्तान वापस लौटने के बाद सबा की हालत फिर से बिगड़ने लगी।

अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सबा की मां नाजिया मुंबई में उसके इलाज के लिए फिर से मेडिकल वीजा पाने में सफल रही हैं।

इस मामले में बिटगिविंग ने अपील की है... 'हम एक युवा जिंदगी को बचाना चाहते हैं और साथ ही एक संदेश देना चाहते हैं कि भले ही सरहदें लोगों को अलग करती हों, मोहब्बत उन्हें जोड़ देती है। एक बच्चे को, चाहे वह सरहद के इस पार हो या उस पार, जीने का हक है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि उसका इलाज किस मुल्क में चल रहा है।'

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सोमवार शाम तक 39 लोगों ने सबा के इलाज के लिए कुल मिलाकर 1,11,602 रुपये दान कर दिए थे।
अगर आप भी सबा के इलाज के लिए दान देना चाहते हैं तो क्लिक करें...  https://www.bitgiving.com/project/index/id/BIT257