
प्रतीकात्मक फोटो
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छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ उड़ीसा पुलिस
बिना किसी सूचना के दो युवकों को उठा लाई थी छत्तीसगढ़ पुलिस
हाईकोर्ट में हो रही है मामले की सुनवाई
उड़ीसा पुलिस ने जांच में पाया कि छत्तीसगढ़ की पुलिस दोनों युवकों को बिना बताए ले गई. इसके बाद कोटपाड़ थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया. बाद में युवकों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हाईकोर्ट ले जाने का निर्दश दिया. न्यायालय ने उड़ीसा पुलिस से जवाब तलब किया था. अधिवक्ता वर्मा ने बताया कि इसी दौरान छत्तीसगढ़ पुलिस के कुछ बड़े अधिकारियों ने कुछ पुलिसकर्मियों को युवकों के परिजनों के पास भेजा था और न्यायालय से मामला वापस लेने के लिए न केवल रिश्वत की पेशकश की थी बल्कि दोनों युवकों को छुड़ाने का आश्वासन भी दिया था. उड़ीसा पुलिस ने इसकी भी जांच की और मामले को सही पाया.
सतीश चन्द्र वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट में गुरुवार को जस्टिस राजेन्द्र चन्द्र सिंह सामंत की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान उड़ीसा पुलिस ने अपने जवाब में कहा कि कोर्ट मामले की जांच एनआईए या सीबीआई से जांच करा सकती है, कि कैसे छत्तीसगढ़ पुलिस दोनों को उठा ले गई. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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