यह ख़बर 19 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

नक्सलियों की रिहाई मामले में केंद्र और ओडिशा सरकार को नोटिस

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने बंधक बनाए गए बीजद के विधायक झिना हिकाका को छुड़ाने के बदले जेल से माओवादियों की रिहाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर आज केंद्र और ओड़िशा सरकार से जवाब मांगा।
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने बंधक बनाए गए बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका को छुड़ाने के बदले जेल से माओवादियों की रिहाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर आज केंद्र और ओड़िशा सरकार से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ ने प्रतिवादियों को दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा।

प्रारंभ में शीर्ष अदालत ने कोई नोटिस जारी करने से अनिच्छा जताई लेकिन जब मेजर जनरल (सेवानिवृत) गांगुरदेप बख्शी ने अपने आग्रह को लेकर दबाव बनाया तब वह मान गई। याचिकाकर्ता ने कहा कि अपहृत विधायक की रिहाई का रास्ता सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार पहले ही पांच माओवादियों को रिहा कर चुकी है।

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सवालों का जवाब देते हुए (बख्शी के) वकील ने कहा कि माओवादियों की रिहाई के लिए जमानत अर्जी उनके समर्थकों द्वारा दायर की गयी है और राज्य सरकार ने उसका विरोध नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि पूरी कवायद सरकार और माओवादियों के बीच साठगांठ का हिस्सा है।