भुवनेश्वर:
बीजेडी विधायक झीना हिकाका ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में अपने पुराने बयान से पलट गए हैं। हिकाका ने पहले कहा था कि उन्हें रिहा करवाने के लिए सरकार की तरफ से पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। लेकिन एनडीटीवी से बातचीत में हिकाका ने कहा कि वो जंगल में नक्सलियों के कैद में थे जहां उन्हें बाहर की दुनिया के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था। इसी वजह से उन्होंने सरकार पर आरोप लगाए थे। दरअसल नक्सलियों ने हिकाका से जो चिट्ठी लिखवाई थी उसमें हिकाका ने सरकार की आलोचना की थी। हिकाका ने एनडटीवी से कहा कि उन्होंने फिलहाल अपने राजनैतिक भविष्य के बारे में कुछ भी तय नहीं किया है। लेकिन लोगों की सेवा करते रहेंगे।
नक्सलियों की कैद में 32 दिन गुज़ारने के बाद घर लौटे झीना हिकाका से मिलने बीजेडी के नेता और आम लोग पहुंचे। मुलाकात के दौरान हिकाका के समथर्कों ने उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग की। दरअसल नक्सलियों ने हिकाका को इसी शर्त पर छोड़ा है कि वो विधायक के पद से इस्तीफा दे दें। हिकाका की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनसे मिलने के लिए घर के बाहर स्कूली बच्चों की लंबी लाइन लगी हुई है।
नक्सलियों की कैद में 32 दिन गुज़ारने के बाद घर लौटे झीना हिकाका से मिलने बीजेडी के नेता और आम लोग पहुंचे। मुलाकात के दौरान हिकाका के समथर्कों ने उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग की। दरअसल नक्सलियों ने हिकाका को इसी शर्त पर छोड़ा है कि वो विधायक के पद से इस्तीफा दे दें। हिकाका की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनसे मिलने के लिए घर के बाहर स्कूली बच्चों की लंबी लाइन लगी हुई है।
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